Breaking News

Tag Archives: upaasana

राम भजो आराम तजो

Parbhu Ji Tum Chandan hm pani bhajan

राम भजो आराम तजो । राम ही शक्ति उपासना, राम ही शान्ति साधना । राम ही कार्य प्रेरणा, राम ही योग और धारणा । राम ही लक्ष्य है लक्ष्मण का, हनुमान जी के प्राण हैं ॥ राम सिया राम बोलो, राम सिया राम । जय रधुनन्दन, जय सिया राम । जानकी वलभ, राजा राम । दशरथ नंदन राजा राम । …

Read More »

काली मंत्र साधना एवं सिद्धि

Ghan Ghan Ghan Ghanta Baje Chamunda Ke Dware Per Bhajan

महाकाली, महाकाल की वह शक्ति है जो काल व समय को नियन्त्रित करके सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन करती हैं। आप दसों महाविद्याओं में प्रथम हैं और आद्याशक्ति कहलाती हैं। चतुर्भुजा के स्वरूप में आप चारों पुरूषार्थों को प्रदान करने वाली हैं जबकि दस सिर, दस भुजा तथा दस पैरों से युक्त होकर आप प्राणी की ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों को गति …

Read More »

कृष्णावतार पर वैज्ञानिक दृष्टि

Suni Kanha Teri Bansuri

‘कृष्णास्तु भगवान स्वयम्’ श्रीकृष्णचंद्र साक्षात् भगवान परमेश्वर परब्रह्म हैं – यह आर्यजातिका अटल विश्वास है । श्रीकृष्णचरण से ही भक्तिमंदाकिनी का सुधानिर्झर प्रवाहित होकर शांतिमय प्रवाह से सम्पूर्ण जगत को आप्लावित करता हुआ ब्रह्मांड को वेष्टित कर वहीं पहुंचकर लीन होता है, जिसमें डूबकर सनातन धर्मावलम्बी समाज सदा से अपने – आपको सफलजन्मा कृतकृत्य बनाता आया और आज भी बना …

Read More »

भगवान कौन है ? (Who is God?)

Who is God?

प्राय: यह प्रश्न किया जाता है – भगवान कौन है ? और यह भगवान कहां रहता है ? गीता में कृष्ण ने कहा है – ‘मन की आंखें खोलकर देख, तू मुझे अपने भीतर ही पाएगा’ । भगवान कण – कण में व्याप्त हैं । ‘भगवान’ नाम कब प्रारंभ हुआ ? किसने यह नाम दिया, यह कोई नहीं जानता । …

Read More »

नवरात्र में कलश स्थापना (प्रतिपदा)

Navratre main kyo karein ghatna sathapnaain kalesh sathapna

चैत्र के नवरात्र में शक्ति की उपासना तो प्रसिद्ध ही है, साथ ही शक्तिधर की उपासना भी की जाती है । उदाहरणार्थ एक ओर देवीभागवत, कालिकापुराण, मार्कण्डेयपुराण, नवार्णमंत्र के पुरश्चरण और दुर्गापाठ की शतसहस्त्रायुतचण्डी आदि होते हैं तो दूसरी ओर श्रीमद्भागवत, अध्यात्म – रामायण, वाल्मीकीय रामायण, तुलसीकृत रामायण, राममंत्र पुरश्चरण, एक तीन पांच सात दिन की या नवाह्निक अखण्ड रामनामध्वनि …

Read More »

प्रदोष व्रत का महत्त्व

Pardosh Vart Ka Mahtav Story

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत प्रत्येक मास की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों को किया जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना की जाती है। यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। जानिए इसकी पूजन विधि, कथा और महत्त्व …

Read More »