ब्रह्मा जी श्रीभगवान से कहते हैं – ‘हे देव ! जो लोग आपके उभय चरण – कमलों के प्रसाद का लेथ पाकर अनुगृहीत हुए हैं, वे भक्तजन ही आपकी महिमा के तत्त्व को जान सकते हैं, उनके सिवा अन्य कोई भी चिरकाल तक विचार करने पर भी आपके तत्त्व को नहीं जान सकता ।’ यमराज अपने दूतों से कहते हैं …
Read More »Tag Archives: vipati
हमारी प्राथमिकताएं
किसी जंगल में एक गर्भवती हिरणी थी, जिसका प्रसव होने को ही था. उसने एक तेज धार वाली नदी के किनारे घनी झाड़ियों और घास के पास एक जगह देखी जो उसे प्रसव हेतु सुरक्षित स्थान लगा. अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी, लगभग उसी समय आसमान में काले -काले बादल छा गए और घनघोर बिजली कड़कने लगी जिससे …
Read More »