Breaking News

Tag Archives: vishnu

भक्त का अद्भुत अवदान

Bhagat Ka Adbhut Avdaan

कीचड़ से जैसे कमल उत्पन्न होता है, वैसे ही असुर जाति में भी कुछ भक्त उत्पन्न हो जाते हैं । भक्तराज प्रह्लाद का नाम प्रसिद्ध है । गयासुर भी इसी कोटिका भक्त था । बचपन से ही गया का हृदय भगवान विष्णु के प्रेम में ओतप्रोत रहता था । उसके मुख से प्रतिक्षण भगवान के नाम का उच्चारण होता रहता …

Read More »

कर्तव्यपरायणता का अद्भुत आदर्श

Kartavya Parayanta ka adbhut adarsh

प्राचीन काल में सर्वसमृद्धिपूर्ण वर्धमान नगर में रूपसेन नाम का एक धर्मात्मा राजा था। एक दिन उसके दरबार में वीरवर नाम का एक गुणी व्यक्ति अपनी पत्नी, कन्या एवं पुत्र के साथ वृत्ति के लिए उपस्थित हुआ। राजा ने उसकी विनयपूर्ण बातों को सुनकर प्रतिदिन एक सहस्त्र स्वर्णमुद्रा का वेतन नियत कर सिंहद्वार के रक्षक के रूप में उसकी नियुक्ति …

Read More »

नवरात्र व्रत की कथा

Navratri Puja

प्राचीन काल में एक सुरथ नाम का राजा हुआ करता था । उसके राज्य पर एक बार शत्रुओं ने चढ़ाई कर दी । मंत्री गण भी राजा के साथ विश्वासघात करके शत्रु पक्ष के साथ जा मिले । मंत्जिसका परिणाम यह हुआ कि राजा परास्त हो गया, और वे दु:खी और निराश होकर तपस्वी वेष धारण करके वन में ही …

Read More »

परम शैव भगवान विष्णु की शिवोपासना

Bhagwan Shiv Ke liye

समय के परिवर्तन से कभी तो देवता बलवान हो जाते हैं और कभी दानव। एक बार दानवों की शक्ति बहुत अधिक हो गयी और वे देवों को बहुत अधिक कष्ट पहुंचाने लगे। देवता बहुत संत्रस्त और संतप्त हुए। इसलिए अपने दु:खों की निवृत्ति के लिए भगवान विष्णु के समीप गए और उनकी स्तुति करने लगे। स्तुति से प्रसन्न होकर विष्णु …

Read More »

आखिर क्यों दिया था माता पार्वती ने भगवान शिव, विष्णु, नारद, कार्तिकेय और रावण को श्राप!!

Aakhir Kyo Diya Tha Mata Parvati Ne Story

एक बार भगवान शंकर ने माता पार्वती के साथ जुआ खेलने की अभिलाषा प्रकट की। खेल में भगवान शंकर अपना सब कुछ हार गए। हारने के बाद भोलेनाथ अपनी लीला को रचते हुए पत्तों के वस्त्र पहनकर गंगा के तट पर चले गए। कार्तिकेय जी को जब सारी बात पता चली, तो वह माता पार्वती से समस्त वस्तुएँ वापस लेने …

Read More »

कैसे वृंदा ने लिया तुलसी का रूप

Kaise Varinda Ne Liya Tulsi Ka Roop Story

पौराणिक कथा के अनुसार एक बड़ी ही सुशील कन्या थी। नाम था वृंदा। उसका जन्म राक्षस कुल में हुआ था लेकिन वृंदा बचपन से ही भगवान विष्णु जी की परम भक्त थी। बड़े ही प्रेम से भगवान की पूजा किया करती थी। जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया, जलंधर समुद्र …

Read More »

गुरुवयुर मंंदिर

guruvayur-temple

गुरुवयुर श्री कृष्ण मंदिर गुरुवयुर केरला में स्थित है। यह मंदिर विष्णु भगवान का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है। गुरुवयुर मंंदिर वैष्णवों की आस्था का केंद्र है। अपने खजाने के कारण यह मंदिर भी भारत के 10 सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। wish4me in English guruvayur …

Read More »

दुर्वाषा ऋषि के श्राप से शुरू हुई ‪समुद्र मंथन‬ की कहानी का अगला भाग

kachpatvar

समुद्र मंथन का आरम्भ होना जब देवताओं तथा असुरों ने समुद्र मं थन आरंभ किया, तब भगवान विष्णु ने कच्छप बनकर मंथन में भाग लिया। वे समुद्र के बीचों-बीच स्थिर रहे और उनके ऊपर रखा गया मदरांचल पर्वत। फिर वासुकी नाग को रस्सी बनाकर एक ओर से देवता और दूसरी ओर से दैत्यों ने समुद्र का मंथन करना शुरू कर …

Read More »

जाने, किस भगवान को है कौन सा पुष्प प्रिय…

Jaane, kis bhagavaan ko hai kaun saa puṣp priy.

  श्रीगणेश गणेशजी को तुलसी छोड़कर हर तरह के फूल पसंद हैं। खास बात यह है कि गणपति को दूब अधिक प्रिय है। गणेशजी पर तुलसी कभी न चढ़ाएं। भगवान गणेश लाल रंग के फूलों को पसंद करते हैं। इसके अलावा गेंदे का फूल भी उन्हें प्रिय है, इसलिए भक्त इसकी माला बनाकर गणेशजी को चढ़ाते हैं। भगवान शिव भगवान …

Read More »

  सर्वव्यापक परमात्मा – भगवान श्रीविष्णु

Two friends devotee

सर्वव्यापक परमात्मा ही भगवान श्रीविष्णु हैं। यह सम्पूर्ण विश्व भगवान विष्णु की शक्ति से ही संचालित है। वे निर्गुण भी हैं और सगुण भी। वे अपने चार हाथों में क्रमश: शंक, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं। जो किरीट और कुंडलों से विभूषित, पीतांबरधारी, वनमाला तथा कौस्तुभमणि को धारण करने वाले, सुंदर कमलों के समान नेत्र वाले भगवान श्रीविष्णु …

Read More »