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Tag Archives: Woman

कर भला, हो भला

किसी शहर में एकांत क्षेत्र में एक भिक्षुक रहता था। वह रोज भिक्षा लाता और घर पर लाने के बाद कहता, ‘बुरा करने वाले का बुरा, और भला करने वाले का भला होता है।’ उसी शहर में एक वृद्ध महिला रहती थी, उसके विचार ठीक नहीं थे। एक दिन वह भिक्षुक से बोली, ‘क्या तुम यह मानते हो कि तुम्हारे …

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कबीरवाणीः प्रभु नाम का स्मरण के लिए समय नहीं, भाव चाहिए

एक बार संत कबीर से किसे ने पूछा, आप दिनभर कपड़ा बुनते हैं तो भगवान का स्मरण कब करते हैं? कबीर उसे लेकर झोपड़ी से बाहर आ गए और कहा कि यहां खड़े रहो। तुम्हारे सवाल का जबाव शायद में न दे सकूं, लेकिन उसे दिखा सकता हूं। कबीर ने दिखाया कि एक औरत पानी की गागर सिर पर रखकर …

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ओह! तो ये बात है, जिसे तुम अब तक ढो रहे हो

Oh, is that so! So this is what you are doing till now

दो बौद्ध भिक्षु पहाड़ी पर स्थित अपने मठ की ओर जा रहे थे। रास्ते में एक गहरा नाला पड़ता था। वहां नाले के किनारे एक युवती बैठी थी, जिसे नाला पार करके मठ के दूसरी ओर स्थित अपने गांव पहुंचना था, लेकिन बारिश के कारण नाले में पानी अधिक होने से युवती नाले को पार करने का साहस नहीं कर …

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आदमी की शादी बुद्धिमान स्त्री से हुई।

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आदमी की शादी बुद्धिमान स्त्री से हुई। अमीर हमेशा अपनी बीवी से तर्क और वाद-विवाद मेँ हार जाता था। बीवी ने कहा की स्त्रिया मर्दो से कम नहीँ.. अमीर ने कहा मैँ दो वर्षो के लिये परदेश चला जाता हुँ। एक महल,बिजनेस मेँ मुनाफा और एक बच्चा पैदा करके दिखा दो। आदमी परदेश चला गया बीवी ने सारे कर्मचारियोँ मेँ …

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हम कल के लिए आज नहीं सोचते

हम कल के लिए आज नहीं सोचते

एक नगर में एक संपन्न सेठजी रहते थे। वह दिनभर खूब मेहनत से काम करते थे। एक दिन उन्हें न जाने क्या सूझा कि अपने मुनीम को बुलाकर कहा, ‘पता करो हमारे पास कितना धन है और कब तक के लिए पर्याप्त है?’ कुछ दिन बाद मुनीम हिसाब लेकर आया और सेठ जी से बोला, ‘जिस हिसाब से आज खर्चा …

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जैसा आचरण वैसा व्यवहार

जैसा आचरण वैसा व्यवहार

एक बार एक स्त्री महाराष्ट्र के महान संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास आई। वह अपने छोटे बच्चे को भी साथ लाई। उस स्त्री ने संत से कहा कि मेरे बेटे को अपच की बीमारी है। मैने इसका इलाज कई दवाईयों और औषधियों से किया पर यह ठीक नहीं हुआ। संत ज्ञानेश्वर ने कहा कि ‘इसे आप कल लेकर आना। दूसरे …

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तो स्वामी विवेकानंद इनके पुत्र बनने को थे तैयार

Swami Vivekananda

एक विदेशी महिला स्वामी विवेकानंद के समीप आकर बोली मैं आपसे शादी करना चाहती हूं। विवेकानंद बोले क्यों?मुझसे क्यों ? क्या आप जानती नहीं कि मैं एक सन्यासी हूं?औरत बोली मैं आपके जैसा ही गौरवशाली, सुशील और तेजोमयी पुत्र चाहती हूं और वो वह तब ही संभव होगा। जब आप मुझसे विवाह करेंगे। विवेकानंद बोले हमारी शादी तो संभव नहीं …

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आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने

आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने भगत बुलावे थाने आयां सरसी लाल लगोटों हाथ में घोटो सर पर छतर हजारी जी लाल ध्वजा थारे मंड पर सोहे घृत सिन्दूर छुवाव जी ओ बाबा घृत सिन्दूर छुवाव जी लाखों नर नारी आवे आवे थारे बारणे सबका कष्ट मिटायां सरसी आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने अंजनी माँ का पुत्र हो प्यारा …

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