Breaking News

Tag Archives: yog

योग – वियोग

Suni Kanha Teri Bansuri

जिसके साथ हमारा संबंध है नहीं, हुआ नहीं, होगा नहीं और होना संभव ही नहीं, ऐसे दु:खस्वरूप संसार – शरीर के साथ संबंध मान लिया, यहीं ‘दु:खसंयोग’ है । यह दु:खसंयोग ‘योग’ नहीं है । अगर यह योग होता अर्थात् संसार के साथ हमारा नित्य – संबंध होता, तो इस दु:खसंयोग का कभी वियोग (संबंध – विच्छेद) नहीं होता । …

Read More »

गायत्री मंत्र की सबसे अधिक मान्यता क्यों ?

gaayatree mantr kee sabase adhik maanyata kyon ?

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार गायत्री मंत्र के प्रथम अक्षर में सफलता, दूसरे में पुरुषार्थ, तीसरे में पालन, चौथे में कल्याण, पांचवें में योग, छठे में प्रेम, सातवें में लक्ष्मी, आठवें में तेजस्विता, नवें में सुरक्षा, दसवें में बुद्धि, ग्यारहवें में दमन, बारहवें में निष्ठा, तेरहवें में धारणा, चौदहवें में प्राण, पंद्रहवें में संयम, सोलहवें में तप, सत्रहवें में दूरदर्शिता, अठारहवें …

Read More »