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Tag Archives: भगवान

मनु – शतरुपा को वरदान

Manu - Shatrupa Ko Vardan Story

  सृष्टि के आदि में पितामह ब्रह्मा ने सर्व प्रथम स्वयंभू मनु और शतरुपा की सृष्टि की। आगे चलकर इन्हीं भाग्यवान दम्पति के द्वारा सृष्टि का विस्तार हुआ। उनके सदाचार, शील तथा पवित्र धर्माचरण के विषय में आज भी श्रुतियो में वर्णन मिलता है। हम सभी मानव उन्हीं मनु एवं शतरुपा की सन्तान हैं। इनके सबसे बड़े पुत्र का नाम …

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भगवान शिव का ये मंदिर 5वीं शताब्दी का है, खुदाई में ऐसे और मंदिर मिलने की संभावना है

cheen liya mera bhola sa maan Bhajan

कहते हैं कि शिव ही सत्य और शक्ति हैं. बिना इनके दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती है. वैसे तो भगवान शिव की पूजा सदियों से होती आ रही है और वर्तमान में भी हो रही है. भगवान शिव अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं, उनके सारे कष्टों का निवारण भी करते हैं. जो लोग भगवान शिव के अस्तित्व …

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लुप्त होने की कगार पर है वैदिक शिक्षा के गढ़ ‘मंथनी गांव’ का गोमतेश्वर मंदिर

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मंथनी के गोमतेश्वर मंदिर की टूटी-फूटी दीवारों और लताओं से ढकी मूर्तियों को देख कर आपको लगेगा जैसे आप हजारों साल पुराने किसी बीहड़ में आ गये हैं. ये जगह पहले वैदिक शिक्षा का गढ़ हुआ करती थी. ये गांव वेद शास्त्रियों से भरा हुआ था. माना जाता है कि मंथनी हजारों ब्राह्मणों का घर हुआ करता था. बुजुर्गों का …

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चिकित्सकों के चिकित्सक भगवान शिव

Bhagavaan shiv ke lie maataa paarvatee ne kiyaa thaa ghor tap

भगवान रुद्र ने ओषधियों का निर्माण करके जगत का इतना कल्याण किया है कि वेद ने भी भगवान शंकर सम्पूर्ण शरीर को ही भेषज मान लिया है । कहा है कि – या ते रुद्र शिवा तनू शिवा विश्वस्य भेषजी । शिवा रुद्रस्य भेषजी तया नो मृड जीवसे ।। सचमुच आयुर्वेद भगवान शिव के रूप में ही अभिव्यक्त हुआ था, …

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Mata vaishno devi jagaran

vaisnavdevi2

माता वैष्णो देवी की अमर कथा (Mata Vaishno Devi Hindi Story) Mata Vaishno devi story in Hindi : वैष्णो देवी उत्तरी भारत के सबसे पूजनीय और पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर पहाड़ पर स्थित होने के कारण अपनी भव्यता व सुंदरता के कारण भी प्रसिद्ध है। वैष्णो देवी भी ऐसे ही स्थानों में एक है जिसे माता का …

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चले जाएँगे बिहरिजी, सुनलो अरज हमारी

Krishna

साजन सखारे जाएँगे, नैन भरेवनगे नोयए विधिना ऐसी रैन कर, भोर कबाहु नही होये चले जाएँगे बिहरिजी, सुनलो अरज हमारी भूल ना जाना, फिर भी बुलाना———2 इतनी बीनती हमरीगी, चले जाएँगे————2 कैसे कहूँ क्या बीट रही है, ओ’मेरे बनके बिहारी, दर का भिखारी बना लो भगवान इतनी सी आस टिहरी, भूल ना जाना, फिर भी बुलाना———2 इतनी बिनटी हमरजी, चले—————–2 …

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अमरनाथ यात्रा का महत्त्व

Amarnath Yatra Ka Mahtav

अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्योंकि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित …

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आखिर क्यों लगाया जाता है भगवान को 56 भोग

भगवान को अर्पित किए जाने वाले छप्पन भोग के पीछे कई रोचक कथाएं हैं। हिन्‍दू मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्‍ण एक दिन में आठ बार भोजन करते थे। जब इंद्र के प्रकोप से सारे व्रज को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्‍ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था, तब लगातार सात दिन तक भगवान ने अन्न जल ग्रहण नहीं किया। …

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मधु-कैटभ की कथा

Madhu Kathabh Ki Katha

प्राचीन समय की बात है। चारों ओर जल-ही-जल था, केवल भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर सोये हुए थे। उनके कान की मैल से मधु औरकैटभ नाम के दो महापराक्रमी दानव उत्पन्न हुए। वे सोचने लगे कि हमारी उत्पत्ति का कारण क्या है? कैटभ ने कहा- इस जल में हमारी सत्ता को कायम रखने वाली भगवती महाशक्ति ही हैं। उनमें …

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भगवान गणेश का स्वरूप अत्यंत ही मनोहर एवं मंगलदायक है।

Bhagwan Ganesh Ka Savroop

वे एकदंत और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। वे अपने उपासकों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। एक रूप में भगवान श्रीगणेश उमा- महाश्रर के पुत्र हैं। वे अग्रपूज्य गणों के ईश, स्वस्तिक रूप तथा प्रणवस्वरूप हैं। उनके …

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