किसी नगर में एक राजा राज्य करता था। वह न्यायप्रिय, विद्वान एवं अत्यंत बुद्धिमान था। उसका एक मंत्री था, जो बहुत ही लोभी तथा धैर्यहीन था। राजा ने उसे सुधारने का निश्चय किया। उसने मंत्री को बुलाकर कहा, “मंत्रीजी, मेरे राज्य में सबसे गहरा दलदल कौन सा है इसका पता लगाइये ? आपके पास एक माह का समय है। यदि …
Read More »Career Guide
आपस का बैर!!
एक घना जंगल था। जिसमें छोटे बड़े सभी तरह के जानवर रहते थे। जंगल के बीचोबीच एक बड़ा तालाब था। जिसपर सारे जानवर पानी पीने आते थे। सबका पानी पीने का समय तय था। प्रायः सुबह-सुबह छोटे जानवर पानी पीने आते थे। जबकि शाम के समय हाथी, भालू, आदि बड़े जानवर पानी पीने आते थे। दोपहर के समय जंगल का …
Read More »मृत्यु अटल है!!
किसी छोटे से गांव में सोमदत्त नामक एक निर्धन ब्राह्मण रहता था। वह कर्मकांड, ज्योतिष आदि में बहुत योग्य था। किंतु आजीविका हेतु भिक्षाटन ही उसका एकमात्र आश्रय था। एक बार बरसात के मौसम में वह दूर के गांव में किसी से मिलने गया था। वहां से वापस लौटने में अंधेरा हो गया। अचानक बरसात भी शुरू हो गयी। उसका …
Read More »सलीका!!
पंजाब के महाराणा रणजीतसिंह के नाम से कौन परिचित नहीं है ? वे बड़े प्रतापी और शूरवीर राजा थे। उनकी वीरता इतिहास के पन्नों में अंकित है। वे बड़े नियमनिष्ठ, धार्मिक, प्रजापालक एवं दुष्टों के लिए बेहद कठोर थे। साथ ही सज्जनों के लिए बड़े ही मृदुल और विनम्र भी थे। एक बार वे अपने किले के सम्मन बुर्ज में …
Read More »दूसरे का सुख!!
एक जंगल में एक कौवा रहता था। वह अपनी स्थिति से कभी संतुष्ट नहीं रहता था। सदैव उसे कोई न कोई कमी ही दिखाई देती थी। जब वह दूसरे पक्षियों को देखता तो सोचता कि ये सब मुझसे अच्छे हैं। एक बार उसे एक हंस दिखा। हंस को देखकर वह आश्चर्यचकित हो गया। “अरे! इतना स्वच्छ और श्वेत रंग। यह …
Read More »मधुर व्यवहार!!
सम्भल राज्य का राजा बहुत ही धार्मिक और प्रजापालक था। उसके राज्य में बड़ी सुख शांति थी। राजा अपने प्रजा की देखभाल पुत्र की भाँति करता था।उसके राज्य में न तो अपराध होते थे न ही कोई गरीब था। राजा की कीर्ति दूर दूर तक फैली थी। एक रात राजा अपने राजमहल में सो रहा था। रात्रि के अंतिम पहर …
Read More »सकारात्मक दृष्टिकोण!!
एक राजा था। स्वभावतः वह बहुत कंजूस था। एक बार उसके यहां एक नट और नटिनी अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन करने आये। राजा ने उन्हें रात्रि में नृत्य प्रदर्शन करने की अनुमति दी। नट और नटिनी बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने सोचा राजा के यहां से प्रचुर मात्रा में उपहार प्राप्त होंगे। शाम के समय राजा की नृत्यशाला में महफ़िल …
Read More »राष्ट्रधर्म!!
यह बात सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में सलोन तहसील है। वहां पर एक अंग्रेज अधिकारी की नियुक्ति थी। पूरे भारत की तरह सलोन में भी क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। जब अंग्रेज अधिकारी को अपने और परिवार के जीवन पर संकट नजर आने लगा। तब उसने लखनऊ …
Read More »बुद्धिमान बहू!!
गंगा के तट पर पर एक सुंदर नगर था। उसमें एक व्यापारी परिवार सहित रहता था। उसके परिवार में व्यापारी पति पत्नी, उसका पुत्र और पुत्रवधू रहते थे। पुत्र का नाम अजितसेन और पुत्रवधू का नाम शीलवती था। अजितसेन व्यापार के सिलसिले में कई दिनों तक बाहर रहता था। जबकि पुत्रवधू घर पर सास ससुर की सेवा करती थी। पूरा …
Read More »अटूट विश्वास!!
बहुत समय पहले की बात है। गंगा नदी के किनारे पर स्वर्णपुर नाम का एक गांव था। एक बार वहां पर राम कथा का आयोजन किया गया। राम कथा सुनाने के लिए एक बहुत ही प्रसिद्ध कथावाचक को बुलाया गया। कथावाचक पंडित जी बहुत योग्य और कर्मकांडी थे। नियमपूर्वक दोनों समय संध्या करते थे। वे बहुत विद्वान थे, उनकी वाणी …
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