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बंजाउ तेरी प्यारी तुजे प्यार करते करते

banke bhihari ki bhajan

जीवन बिताया सारा, इंतज़ार करते करते रह रहके मेरे दिल्मे, उट थी है ये तरंगे हे दिल मे मेरे केवल..तेरे मिलने की उमंगे कभी आभी जाऊ प्रीतम, मूही राह चलते चलते डेको मे ना समाज हू, पकड़ा है तेरा धमान कहा . छोड़कर आब, मेरे रंगिल्ले साजन ना साथ छोड़ ढेंा, मेरे साथ चलते चलते मुझे हार्गदी और हरफल, घ्हन्ष्यम …

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बिना तुमहरे दर्शन के प्रभु

Kaise Chukao En Sanso ka Mol Bhajan

एह जीवन है आज अधूरा मिले टुमरे चरण धूलि प्रभु तो जीवन का, धर्मा हो पूरा एह जनमा तो, ऐसा बिता जैसे चटक, बिन बदल हो –आकिया साधा रही, प्रभु आइसो जैसे सुनी, बिन काजल हो भक्ति बिना है, जीवन आइसो बिना तार के, जस तंबूरा || दर्शन करने को, आकिया है बिन दर्शन के, आकिया कैसी –हरी के द्वार, …

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बिन दर्शन के, आकिया कैसी

Hay un secreto de una hierba de paja en Ramayana

बिना तुम्हारे दर्शन के प्रभु ये जीवन है आज अधूरा मिले तुम्हारी चरण धूलि प्रभु तो जीवन का धर्म हो पूरा ये जन्मा तो ऐसा बीता जैसे चातक बिन बादल हो अँखियाँ सदा रही प्रभु ऐसों जैसे सूनी बिन काजल हो भक्ति बिना है जीवन ऐसो बिना तार के जैसे तम्बूरा बिना तुम्हारे दर्शन के प्रभु ये जीवन है आज …

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अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो,

the-love-of-krishna-and-sudama-was-very-deep

अरे द्वारपालो  कन्हैया से कह दो, के द्वार पे सुदामा ग़रीब आगेया है. के द्वार पे सुदामा ग़रीब आगेया है. भटकते भटकते ना जाने कहा से, भटकते भटकते ना जाने कहा से, तुम्हारे महल के करीब आगेया है. तुम्हारे महल के करीब आगेया है. ऊओ…अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो, के द्वार पे सुदामा ग़रीब आगेया है. के द्वार पे …

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मुरलीधर गोपाला घनश्याम नंद के लाला

Murlidhar Gopala Ghanshyam Nand Ke Lala Bhajan

मुरलीधर गोपाला घनश्याम नंद के लाला जाग पालक तू रास रचाइया, गोवर्धन गिरिधारी कितने नाम तेरे नटवर तू सावल कृष्णा मुरारी मोर मुकुट मन्हार लेवात बलिहारी हर ब्रिज बाला मुरली धार गोपाला, घनश्याम नँदके लाला ||1|| तूही सागर मे रमता तूही धरती पाताल ज़ल्मे नाभमए और जगतमे तेरी जाई जाई कार मेरे मान मंदिर मे स्वामी, तुझसे ही उजियला मुरली …

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भगवान शिव के लिए माता पार्वती ने किया था घोर तप

Bhagwan Shiv Ke liye

शिवपुराण में कथा है कि ब्रह्माजी के आदेशानुसार भगवान शंकर को वरण करने के लिए पार्वती ने कठोर तप किया था। ब्रह्मा के आदेशोपरांत महर्षि नारद ने पार्वती को पंचाक्षर मंत्र ‘शिवाय नमः’ की दीक्षा दी। दीक्षा लेकर पार्वती सखियों के साथ तपोवन में जाकर कठोर तपस्या करने लगीं। उनके कठोर तप का वर्णन शिवपुराण में आया है। माता-पिता की …

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वेदवती का रावण को श्राप

vedvati ka ravan ko shrap Story

  राजा धर्मद्वज का कुशध्वज नामक एक धर्मात्मा भाई था। उसका विवाह मालावती नामक युवती से हुआ। धर्मध्वज के भांति कुशध्वज भी भगवती जगदम्बा का अनन्य भक्त था। वह प्रतिदिन उनके मायाबीज मंत्र का जाप करता था। भगवती कि कृपा से कुशध्वज के घर एक सुन्दर कन्या उत्पन्न हुई। वह कन्या महालक्ष्मी का अंश थी। जन्म लेते ही वह कन्या …

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भक्ति की अद्भुत पराकाष्ठा की मिसाल भगवान हनुमान

bhakti ka adbhut prakashta story

लंका मे रावण को परास्त करने के बाद श्रीराम माता सीता लक्ष्मण और हनुमान के साथ अयोध्या लौट चुके थे। प्रभु राम के आने की खुशी में पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल था। राजमहल में राज्याभिषेक की तैयारियां चल रही थी। राज्याभिषेक के बाद जब लोगों को उपहार बांटे जा रहे थे तभी माता सीता ने हनुमान जी से …

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माता सीता के स्वयंवर की कथा

Mata Sita Ke svemver Ki katha

  सीता के स्वयंवर की कथा वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस के बालकांड सहित सभी रामकथाओं में मिलती है। वाल्मीकि रामायण में जनक द्वारा सीता के लिए वीर्य शुल्क का संबोधन मिलता है। जिसका अर्थ है राजा जनक ने यह निश्चय किया था कि जो व्यक्ति अपने पराक्रम के प्रदर्शन रूपी शुल्क को देने में समर्थ होगा, वही सीता से …

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कच्छपावतार

kachpatvar

पुराने समय की बात है। देवताओं और राक्षसों में आपसी मतभेद के कारण शत्रुता बढ़ गयी। आये दिन दोनों पक्षों में युद्ध होता रहता था । एक दिन राक्षसो के आक्रमण से सभी देवता भयभीत हो गए और ब्रह्मा जी के पास गए। ब्रह्मा जी के परामर्श के बाद वे जगद्गुरु की शरण में जाकर प्रार्थना करने लगे। देवताओं की …

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