भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए भोले नाथ आए बाबा डमरू बजाए भोले नाथ आए बाबा अलख जगाए सखी एक बोली मैया बाहर पधारो आयो एक बाबो दिखे बड़ो मतवारो भिक्षा देयीके कहदो आसन पधारो भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए भरी थार कंचन को मैया सिधारी नमन करीके मैया वचन उचारी आशीष दीजै बाबा सुखी भये मुरारी भभूती रमाये …
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कल्पतरु पुन्यातामा
कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम पतित पावन जैसे मधु शिव रस नाम का घोल भक्ति के हंसा ही चुगे मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहाग सोने को चमकाए शिव सिमरन से आत्मा उज्जवल होती जाए जैसे चन्दन वृक्ष को डसते नहीं है साँप शिव भक्तों के चोले को कभी न लगे दाग ॐ नमः …
Read More »भोले जपो जपो मन प्यारा
भोले जपो जपो मन प्यारा मुक्ति मिले मिले छुटकारा तुझको जपना होगा तुझको जपना होगा भोले का जो नाम गाता नहीं है उसके कोई काम आता नहीं है भोले चरण को अगर जो बिसारे लगती नहीं नाव उसकी किनारे तुझको जपना होगा तुझको जपना होगा भोले जपो जपो मन प्यारा मुक्ति मिले मिले छुटकारा ऐसा भला कौन है जग में …
Read More »सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में
अरे देखो भोले बाबा की अजब है बात चले हैं संग ले कर के भूतों की बरात सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में भेस निराला, जय हो पीए भंग का पायला, जय हो सर जटा चढ़ाये, जय हो तन भसम लगाए, जय हो ओढ़ी मृगशाला, जय हो गले नाग की माला, जय हो है शीश पे गंगा, जय हो …
Read More »रेहमत बरसा देना तू फागुन आया है
रेहमत बरसा देना तू फागुन आया है गंगा के जल को लाने का मौसम आया है कंधे पे उठा के जल चलते ही जाना है, जल को ले जा के शिवलिंग पे चढ़ाना है शिव के द्वारे पे सारा संसार आया है भोले बाबा तेरी यह जुदाई सही जाए ना बिन तुझको देखे भोले मुझको चैन आये ना आजाना तू …
Read More »सृष्टि तथा सात ऊर्ध्व एवं सात पाताल लोकों का वर्णन
श्रीसूत जी बोले – मुनियो ! अब मैं कल्प के अनुसार सैकड़ों मन्वंतरों के अनुगत ईश्वर संबंधी कालचक्र का वर्णन करता हूं । सृष्टि के पूर्व यह सब अप्रतिज्ञात स्वरूप था । उस समय परम कारण, व्यापक एकमात्र रुद्र ही अवस्थित थे । सर्वव्यापक भगवान ने आत्मस्वरूप में स्थित होकर सर्वप्रथम मन की सृष्टि की । फिर अंहकार …
Read More »कैसे करें महाशिवरात्री की पूजा
यह व्रत फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को किया जाता है । इसको प्रतिवर्ष करने से यह ‘नित्य’ और किसी कामनापूर्वक करने से ‘काम्य’ होता है । प्रतिपदादि तिथियों के अग्नि आदि अधिपति होते हैं । जिस तिथि का जो स्वामी हो उसका उस तिथि में अर्चन करना अतिशय उत्तम होता है । चतुर्दशी के स्वामी शिव हैं (अथवा शिव की तिथि …
Read More »क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि ?
इस व्रत की दो कथाएं है । एक का सारांश यह है कि एक बार एक धनवान मनुष्य कुसंगवश शिवरात्रि के दिन पूजन करती हुई किसी स्त्री का आभूषण चुरा लेने के अपराध में मार डाला गया, किंतु चोरी की ताक में वह आठ प्रहर भूखा – प्यासा और जागता रहा था, इस कारण स्वत: व्रत हो जाने से …
Read More »लंबोदरा लकुमिकारा
लंबोदरा लकुमिकारा अंबा सूता अमरा विनुता लंबोदरा लकुमिकारा श्री गणनता सिंधुरा वरना करुणा सगरा करी वादना श्री गणनता सिंधुरा वरना करुणा सगरा करी वादना लंबोदरा लकुमिकारा अंबा सूता अमरा विनुता लंबोदरा लकुमिकारा सिद्धा चारणा गाना सेविता सिद्धि विनायका ते नामो नामो सिद्धा चारणा गाना सेविता सिद्धि विनायका ते नामो नामो लंबोदरा लकुमिकारा अंबा सूता अमरा विनुता लंबोदरा लकुमिकारा सक़ाला विद्या …
Read More »ईश्वर पर विश्वास
किसी जंगल मे एक गर्भवती हिरणी थी, जिसका प्रसव होने को ही था | उसने एक तेज धार वाली नदी के किनारे घनी झाड़ियों और घास के पास एक जगह देखी जो उसे प्रसव हेतु सुरक्षित स्थान लगा| अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी, लगभग उसी समय आसमान मे काले काले बादल छा गए और घनघोर बिजली कड़कने लगी …
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