स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) जो दुख पता प्रभु से कहता, क्यू प्रभु तुम दुख देते हो …
Read More »Tag Archives: गगन
नन्द बाबाजी को छैया
वाको नाम है कन्हैया, वाको नाम है कन्हैया, श्याम, alt (कन्हैया रे, आ जा रे, आ जा रे ) नन्द बाबाजी को छैया, वाको नाम है कन्हैया. कन्हैया कन्हैया रे .. बड़ो गेंद को खिलैया, आयो आयो रे कन्हैया . कन्हैया कन्हैया रे .. काहे की गेंद है, काहे का बल्ला, गेंद में काहे का लागा है छल्ला, काहे की गेंद है, …
Read More »