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कुत्ता जो विदेश चला गया – पंचतंत्र की कहानी!!

प्राचीन समय में एक गांव में चित्रांग नाम का एक कुत्ता रहता था। एक बार उस गांव में अकाल पड़ गया। अकाल पड़ने के कारण अन्न की बहुत ज्यादा कमी हो गई, जिसके कारण कई कुत्तों के वंश का नाश हो गया। चित्रांग भी इस समस्या के कारण बहुत ही चिंतित रहता था।h

जिसके घर में घुसकर चित्रांग ने खाना खाया उसने तो कुछ नहीं कहा, किंतु घर से बाहर निकलते ही उस गांव के कुत्तों ने चित्रांग पर हमला कर दिया।

इस समस्या से बचने के लिए उसने एक उपाय सोचा। चित्रांग ने इस गांव को छोड़कर दूसरे गांव में पलायन करने का सोचा। चित्रांग गांव छोड़कर दूसरे गांव चला गया। दूसरे गांव में जाकर चित्रांग ने चोरी छुपे एक घर में घुसकर भरपेट खाना खा लिया।

चित्रांग और कुत्तों के बीच भयंकर लड़ाई हुई। उस लड़ाई में चित्रांग बुरी तरह से घायल हुआ और उसके शरीर पर बहुत घाव लग गए। चित्रांग ने सोचा कि “इस गांव से तो हमारा गांव ही अच्छा, वहां केवल अकाल है जान के दुश्मन कुत्ते नहीं।”

यह सोचकर चित्रांग अपने गांव पुनः वापस आ गया। जब चित्रांग अपने गांव पहुंचा तो सब कुत्ता ने मिलकर पूछा चित्रांग! तुम पुनः इस गांव में क्यों लौट आए, उस गांव के लोग कैसे हैं? वहां खाने पीने की कौन-कौन सी चीजें हैं?

चित्रांग ने उत्तर दिया “मित्रों, उस गांव में खाने पीने की चीजें तो बहुत अच्छी है और उस गांव के लोग भी नरम स्वभाव के हैं। किंतु उस गांव में एक समस्या है, वहां अपने ही जाति के कुत्ते बड़े खूंखार हैं।”

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