लाडो किरपा करती खास
वो तो विपिन बसा लेती जो जपता
श्री हरिदास श्री हरिदास श्री हरिदास श्री हरिदास
अंबर में सितारा है,
मेरे स्वामी हरिदास जू का निधिवन,बड़ा प्यारा है,
गुलशन में फूल खिले,
श्री निधिवन कुंजन नित श्यामा श्याम मिले,
ये जो श्री वृंदावन है,
ये और नही कुछ भी प्रिय प्रीतम का मन है,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे,
ठाकुर जी की तुम ठकुरानी ,
तुम बिन ठाकुर आधे आधे,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे…
हो राधे वृषवानू दुलारी,
नटवर नागर को तू प्यारी,
ठाकुर जी की तुम ठकुरानी ,
तुम बिन ठाकुर आधे आधे,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे…
सुनो जरा वृषवानू दुलारी,
हम सब आये बन के पुजारी,
बांके बिहारी नटखट गोविन्द से,
हम को भी मिलवादे,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे….