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सिंदबाद – Hindi Moral Stories

सिंदबाद नामक एक बहुत ही गरीब लड़का था। धन कमाने के लिए वह नाविकों के साथ समुद्री जहाज पर चला गया।

एक दिन दुर्भाग्यवश समुद्र में जोरों का तूफान आया और जहाज डूब गया। सिंदबाद एक लट्ठ के सहारे बहता हुआ एक द्वीप पर जा पहुँचा।

उसे जोरों की भूख लगी थी। खाना ढूँढने के लिए वह एक ऊँचे खजूर के पेड़ पर चढ़ा और चारों ओर देखने लगा। दूर उसे एक बड़ा सा अंडा जैसा कुछ दिखा।

ज्योंही वह अंडे के पास पहुँचा एक बड़े से पक्षी ने आकर उसे अपने पंजे में पकड़ लिया और उड़ने लगा। गिरने के भय से सिंदबाद ने जोर से पक्षी का पैर पकड़ लिया और उड़ने लगा।

पक्षी उसे हीरों की घाटी में ले गया जिसकी कथा उसने नाविकों से सुन रखी थी। वहाँ ढेरों साँप उन हीरों की रक्षा करते थे।

चमकती घाटी को देखकर सिंदबाद के आश्चर्य का ठिकाना न रहा। शीघ्रता से उसने अपनी जेबों में हीरे भर लिए। बड़े-बड़े साँपों को चकमा देते हुए उसने एक उड़कर जाते पक्षी का पैर जोरों से पकड़ लिया।

उड़ता-उड़ता वह एक द्वीप पर पहुँचा। सौभाग्यवश वहाँ उसे अपने नाविक मित्र मिल गए। उनके साथ सिंदबाद बगदाद आ गया और सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करने लगा।

Moral of Story

शिक्षा : मुश्किलों में ही अवसर छिपे होते हैं।

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