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सोच-समझकर बोलो !!

एक गाँव में एक गरीब किसान और उसकी पत्नी रहते थे। एक बार देवी को उनकी गरीबी पर दया आ गई। वह उनके पास आई और बोली, “तुम लोग वर्षों से गरीबी में रह रहे हो। इसलिए मैं तुम्हारी सहायता करना चाहता हूँ।

तुम लोग आज जो भी तीन इच्छाएँ करोगे, वे तुरंत ही पूरी हो जाएँगी।” वे बोले,”इस दया के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद” उस रात वे रसोई में बैठकर सोच रहे थे कि क्या इच्छा की जाए। तभी किसान की पत्नी बोली,

“मेरी चिकन खाने की बड़ी इच्छा है।” उसके ऐसा कहते ही प्लेट में चिकन प्रकट हो गया। किसान ने उसे डाँटते हुए कहा, “बेवकूफ औरत! तुमने एक वरदान बर्बाद कर दिया। यह चिकन तुम्हारी नाक पर चिपक जाए।”

उसने जैसे ही यह बोला, चिकन उसकी पत्नी की नाक पर चिपक गया। यह देखकर वे दोनों डर गए। पत्नी बोली, “मेरी इच्छा है कि यह चिकन मेरी नाक से छूट जाए।” ऐसा कहते ही चिकन उसकी नाक से हट गया।

इस तरह उनके तीनों वरदान व्यर्थ हो चुके थे। इस प्रकार उन दोनों ने अपनी बेवकूफी के कारण बोलने से पहले सोचा नहीं और अमीर बनने का सुनहरा मौका गंवा दिया।

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