एक दिन एक शेर अपनी प्यास बुझाने के लिए नदी के तट पर गया। वहाँ नदी के दूसरे तट पर एक गधा भी पानी पी रहा था। गधे को देखकर शेन ने उसे अपना भोजन बनाने के लिए एक योजना बनाई।
शेर बोला, “प्यारे गधे, क्या नदी के उस किनारे कोई घोड़ा भी है? मेरी इच्छा उसका गाना सुनने की है।” गधे को उसकी नीयत पर तनिक भी संदेह नहीं है। वह बोला.”श्रीमान क्या घोड़ा ही गा सकता है, मैं नहीं?
लीजिए मेरा गाना सुनिए।” यह कहकर उसने अपनी आँखें बंद की और जोर-जोर से रेंकना शुरू कर दिया। मौका पाकर शेर ने नदी पार की और गधे को पकड़ लिया। गधा भी चालाक था।
वह बोला, “श्रीमान् ! मैं आपका भोजन बनने के लिए तैयार हूँ। लेकिन मैंने सुना है कि ताकतवर एवं बलशाली शेर अपना भोजन करने से पहले भगवान की प्रार्थना करते हैं।” शेर अपने को जंगल का सबसे शक्तिशाली जानवर मानता था।
इसलिए उसने प्रार्थना करने के लिए अपनी आँखें बंद कर ली। अब गधे को भागने का अच्छा मौका मिल गया। वह वहाँ से तेजी से भाग निकला। इस तरह चालाकी में वह गधा शेर पर भारी पड़ा।