जगदीश एक भोला भाला लड़का था, जो सबकी मदद किया करता था। एक दिन उसके मित्र ने उसे खाने पर बुलाया। खाना खाकर जब वह घर पहुँचा तो उसने देखा उसके माता,
पिता और दोनों भाई पेट के दर्द से बेहाल थे।उसके पिता बोले-“दवा की दुकान में जाओ और पेट के दर्द की दवा, चार लोगों के लिए एक-एक खुराक ले लो।”
यह सुनकर जगदीश दुकान की तरफ तेज़ी से भागा परंतु उतनी तेज़ी से लौटा नहीं।उसका परिवार इंतज़ार करता रहा। उसके पिताजी अब थोड़ा बेहतर महसूस कर रहे थे,
इसलिए वह उसको ढूंढने निकले। अचानक, उसके पिता ने उसे सड़क के किनारे बैठे हुए देखा।उसके पेट में भी दर्द हो रहा था। उन्होंने जगदीश से पूछा-“बेटा! क्या हुआ?”
जगदीश ने जवाब दिया-“मैं दवाई की दुकान पर गया। मैंने दवाई की चार खुराक ली और खा ली।”यह जानकर जगदीश के पिता बहुत हैरान हुए परंतु उसके भोलेपन पर हंसे बिना न रह सके।