एक गांव में विद्यार्थियों की टोली रोज दूसरे गांव की पाठशाला में जाती और साथ लौट आती। एक दिन वापिस लौटते समय उन्हें लगा कि उनमें से एक विद्यार्थी कम है। खोजने पर पता चला कि वह विद्यार्थी पीछे रह गया।
सभी उसके पास पहुंचे। एक विद्यार्थी ने पूछा, ‘तुम पीछे क्यों रुक गए हो?’ उस विद्यार्थी ने वहीं से कहा, ‘ठहरो मैं आता हूं।’ यह कहकर वह धरती में गड़े हुए खूंटे को पकड़ने लगा । उसे जोर से हिलाया और उसे फेंक कर टोली में आ पहुंचा।
तभी उसके मित्र ने कहा, ‘तुमने उस खूंटे को क्यों उखाड़ा?’ तब उस विद्यार्थी ने कहा, वह बीच में था और वहां आने-जाने वाला हर व्यक्ति उसकी ठोकर से गिर पढ़ता था। इसलिए मैंने उसे हटाना ही उचित समझा। विद्यार्थी की यह बात सुनकर सभी बच्चे आश्चर्यचकित हो गए। यह विद्यार्थी और कोई नहीं बल्कि लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल थे।
संक्षेप में
यदि हम अपने सुख के साथ दूसरों के सुख के बारे में भी विचार करें तो जिंदगी खुशनुमा तरीके से बिताई जा सकती है।
Hindi to English
In a village, the group of students went to the second school of the village and returned with them. While returning one day, he felt that one of the students was less. Finding that the student was left behind
All came to him. A student asked, why have you stopped behind? The student said from there, ‘Wait, I’ll be here.’ By saying this, he started catching the ground pegs in the earth. He shook her loud and thrown him into the group.
Only then his friend said, ‘Why did you uproot the pegs?’ Then the student said that he was in the middle and every person who came there used to read his fall. That’s why I thought it appropriate to delete it. All the children were amazed when the student heard this. This student was none other than Iron Man Sardar Ballabh Bhai Patel.
in short
If we think about the happiness of others with our pleasure, then life can be spent happily.