प्रश्न- 31 मोक्ष तत्त्व उपादेय क्यों है ?
जवाब- 31 कर्मो का संपूर्ण क्षय होना मोक्ष है । जब मोक्ष प्राप्त होता है, तो जीव अपने संपूर्ण शुद्ध स्वरुप को प्राप्त हो जाता है । उसमें किसी भी प्रकार का कर्म विकार रुप मल नहीं रहता । इस अमल-निर्मल तथा संपूर्ण आत्मदशा को प्राप्त होने का नाम ही मोक्ष है । अतः मोक्ष तत्त्व चरम एवं परमश्रेष्ठ होने से उपादेय है ।
प्रश्न- 32 नवतत्त्वों के कुल कितने भेद हैं ?
जवाब- 32 नवतत्त्वों के कुल 276 भेद इस प्रकार हैं – जीव-14, अजीव-14, पुण्य-42, पाप-82, आश्रव-42, संवर-57, निर्जरा-12, बंध-4, मोक्ष-9 ।
प्रश्न- 33 संसारी जीवों के विभिन्न अपेक्षाओं से कौन कौन से भेद होते है ?
जवाब- 33 संसारी जीवों के विभिन्न अपेक्षाओं से 6 प्रकार के भेद नवतत्त्व में उल्लिखित है ।
प्रश्न- 34 छह प्रकार के भेदों को स्पष्ट कीजिए ?
जवाब- 34 1. समस्त जीवों का मति व श्रुतज्ञान का अनन्तवां भाग प्रकट होने से समस्त जीव चैतन्यलक्षण से युक्त है । इस चेतना लक्षण द्वारा सभी जीव एक प्रकार के है ।
2. संसारी जीवों के त्रस तथा स्थावर ये दो भेद होने से जीव 2 प्रकार के है । त्रस व स्थावर इन दो भेदों में सभी संसारी जीवों का समावेश हो जाता है ।
3. वेद की अपेक्षा से समस्त संसारी जीव 3 प्रकार के है । कोइ जीव पुरुष वेद वाला है, कोइ स्त्रीवेद वाला है, कोइ नपुंसकवेद वाला है । इन तीनो वेद में समस्त संसारी जीव समाविष्ट हो जाते हैं ।
4. चार गतियों की अपेक्षा से संसारी जीव के 4 प्रकार के है । नरक. तिर्यंच, मनुष्य तथा देव इन चार गतियों से अलग किसी जीव का अस्तित्व नहीं हैं ।
5. इन्द्रियों की अपेक्षा से संसारी जीवों के 5 भेद हैं । एकेन्द्रिय, बेइन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय तथा पंचेन्द्रिय इन पांच भेदों में संसार की समस्त जीव राशी समाविष्ट है ।
6. षट्काय की अपेक्षा से संसारी जीवों के 6 प्रकार हैं । पृथ्वीकाय, अप्काय, तेउकाय, वायुकाय, वनस्पतिकाय, त्रसकाय इन षट्काय में समस्त संसारी जीव समाहित हो जाते है ।
प्रश्न- 35 इन्द्रियों के विषय किसे कहते है ?
जवाब- 35 पांच इन्द्रियों के माध्यम से आत्मा के अनुभव में आने वाले पुद्गल के स्वरुप को इन्द्रियों का विषय कहते है ।
प्रश्न- 36 इन्द्रिय के कितने भेद है ?
जवाब- 36 सामान्य रुप से इन्द्रिय के दो भेद है- 1.द्रव्येन्द्रिय 2.भावेन्द्रिय ।
प्रश्न- 37 द्रव्येन्द्रिय किसे कहते है ?
जवाब- 37 नाक, कान आदि इन्द्रियों की बाहरी तथा भीतरी पौद्गलिक संरचना को द्रव्येन्द्रिय कहते है ।
प्रश्न- 38 द्रव्येन्द्रिय के कितने भेद है ?
जवाब- 38 दो – 1. निर्वृत्ति द्रव्येन्द्रिय 2. उपकरण द्रव्येन्द्रिय ।
प्रश्न- 39 निर्वृत्ति द्रव्येन्द्रिय किसे कहते है ?
जवाब- 39 इन्द्रिय की रचना-विशेष को निर्वृत्ति द्रव्येन्द्रिय कहते है ।
प्रश्न- 40 निर्वृत्ति द्रव्येन्द्रिय के कितने भेद है ?
जवाब- 40 दो भेद है- 1.बाह्य निर्वृत्ति द्रव्येन्द्रिय 2.आभ्यंतर निर्वृत्ति द्रव्येन्द्रिय ।