कई साल पहले, जंगल से सारे जानवर अपनी-अपनी अभिनय और नाच गाने की प्रतिभा दिखाने के लिए एकत्र हुए।
जब सारे जानवर आ गए, तो बंदर से नाचने को कहा गया। बंदर तो उछल-कूद और कलाबाजियों में माहिर था ही। उसने अपने नाच से सबका मनोरंजन किया।
सभी लोगों ने बहुत सराहना की और बंदर को सभी ने बहुत अच्छा नर्तक मान लिया। ऊँट से बंदर की सराहना सहन नहीं हुई और उसने भी नाचना शुरू कर दिया।
उसका नाच बिलकुल बेतुका और बेढंगा था। उसका नाच किसी को भी पसंद नहीं आया और सबने उसकी बुराई की।
उसने ईर्ष्या से भरकर नाच किया था, इसलिए उसे दंड के रूप में जंगल से निकाल दिया गया।
Moral of Story
शिक्षा: अगर तुम अपनी बाँह से अधिक अपना हाथ पसारोगे, तो तुम्हें हानि ही होगी।