मन मूर्ख अड़ियां करदा, नहीं जपदा श्याम मुरारी नूँ,
नहीं जपदा श्याम मुरारी नूं, नहीं जपदा कृष्ण मुरारी नूँ,
मन मूरख अड़ियां करदा, नहीं जपदा श्याम मुरारी नूँ…..
जिथे होवे कथा ते कीर्तन उत्थे नहियों जांदा,
जिथे होवे चुगली ते मैजर दौड़ा-दौड़ा जांदा,
तैनूं कई वरियां समझाया तू छड दे लंबरदारी नूँ,
तू छड दे लंबरदारी नूं तू जपले श्याम मुरारी नूँ,
मन मूरख अड़ियां करदा, नहीं जपदा श्याम मुरारी नूँ,……
दोते-पोते बड़े प्यारे चक्क सीने नाल लांदा,
जांदी बारी किसे नीं पूछणां किचड़े च गोते खांदा,
तैनूं कई वरियां समझाया तू छड दे टबरदारी नूँ,
तू छड दे टबरदारी नूं तू जप ले श्याम मुरारी नूँ,
मन मूरख अड़ियां करदा, नहीं जपदा श्याम मुरारी नूँ…..
मन कैंदा चल उठ सवेरे चल मंदिरां जो चलिए,
नींद प्यारी जाणां नहीं दिंदिं-दिंदि आजा मंजि मलिए,
तैंनू कई वरियां समझाया तू छड दे नींद प्यारी नूं,
नूं तू छड दे नींद प्यारी नूं तू जपले श्याम मुरारी नूं,
मन मूरख अड़ियां करदा, नहीं जपदा श्याम मुरारी नूँ…..
मन मूर्ख अड़ियां करदा नहीं जपदा श्याम मुरारी नूं,
नहीं जपदा श्याम मुरारी नूं नहीं जपदा कृष्ण मुरारी नूं…..
मन मूरख अड़ियां करदा, नहीं जपदा श्याम मुरारी नूँ…………