मेरी अरदास सुन ले मेरे मन की बात सुन ले
क्यों चुप है तू बाबा मैं हु दास सुन ले
मेरी अरदास सुन ले मेरे मन की बात सुन ले……
कब तक सुनोगे तुम मेरे हाल को तुम देखो
करता रहू गा सवाल हर सवाल को तुम देखो
मेरे कदम में कांटे है मेरे श्याम तू चुन ले
मेरी अरदास सुन ले मेरे मन की बात सुन ले….
सपने देखे थे हजार पर आई न कभी बहार
दर दर भगतका हु मैं सुनी न किसी ने पुकार
उजड़ा ये जीवन है मेरे श्याम तू भुन ले
मेरी अरदास सुन ले मेरे मन की बात सुन ले….
स्वर्ण की वाणी अब जप्ती है नाम तेरा
राजू केहता है श्याम करता हर काम मेरा
इस दास को तू अपने रंग में श्याम रंग ले
मेरी अरदास सुन ले मेरे मन की बात सुन ले……..