एक शहर में शुद्धपट नाम का एक धोबी रहता था। उसके पास एक गधा भी था। गधे को पर्याप्त भोजन ना मिलने के कारण वह बहुत ही दुबला पतला और कमजोर हो गया था जिसके चलते वह ढंग से काम भी नहीं कर पा रहा था।
धोबी को चिंता होने लगी, उसके मन में विचार आया कि कुछ दिन पहले जंगल में घूमते हुए उसे एक मरा हुआ शेर दिखाई दिया उसकी खाल धोबी के पास थी, अगर इस खाल को गधे को ओढाकर खेत में भेजूं तो खेत के रखवाले इसे शेर समझ कर इससे डरेंगे और मारकर भगाने की कोशिश भी नहीं करेंगे।
धोबी की चाल काम कर गई। धोबी अपनी चाल के अनुसार हर रात गधे को शेर की खाल ओढाकर खेत में भेज देता। गधा पूरी रात घास चरने के बाद सुबह जल्दी ही वापस धोबी के पास आ जाता। यह धोबी का यह तरीका कई दिनों तक चलता रहा।
लेकिन एक बार गधे की पूरी पोल सबके सामने आ गई। गधी की आवाज सुनकर गधे ने भी अडारना शुरू कर दिया। खेतों के रखवाले उस गधे पर टूट पड़े। उन रखवालों ने शेर की खाल ओढ़े गधे को इतना पीटा कि गधे की वहीं पर साँस रुक गई। धोबी की इस चालाकी ने उस गधे के प्राण ले लिये।