एक जंगल में एक सुनहरी चिड़िया रहती थी। वह मीठे गीत गाया करती थी। जब वह गाना गाती तो उसकी चोंच से चमकदार मोती गिरते। एक दिन एक बहेलिए ने उसे पकड़ लिया।
उसने उसे अपने घर ले जाकर एक सोने के पिंजरे में रख दिया। वह उसे अच्छा खाना देता, लेकिन चिड़िया दुखी रहती। वह आजादी का आनंद लेना चाहती थी। अब वह पिंजरे में गाना भी नहीं गाती थी।
इस वजह से बहेलिए को एक भी मोती नहीं मिल पा रहा था। तंग आकर बहेलिए ने उस सुनहरी चिड़िया को राजा को उपहार स्वरूप भेंट कर दी। राजा ने वह चिड़िया राजकुमारी को दे दी।
राजकुमारी एक अच्छी लड़की थी। वह बहुत दयालु थी। उसने सुनहरी चिड़िया को आजाद कर दिया। चिड़िया अपनी आजादी से बहुत खुश थी, इसलिए वह पुन: गाने लगी।
फलस्वरूप उसकी चोंच से राजकुमारी के कमरे में मोती गिरने लगे। उस दिन से वह सुनहरी चिड़िया रोज राजकुमारी से मिलने आती और उसके लिए गाना गाती। वह जैसे ही गाना गाती वैसे ही उसकी चोंच से मोती झडते। यह उसकी तरफ से प्यारी राजकुमारी के लिए तोहफा था।