एक राजा था। लेकिन उसके राज्य में आंतिरिक शत्रु प्रहार करते रहते थे। ऐसे में वह खुद को असुरक्षित समझता था। बात उन दिनों की है जब उस राजा के राज्य में एक संत आए। राजा उन संत से मिलने गए।
संत ने राजा की पूरी बात सुनी और कहा तुम्हें भी अपने छिपे हुए शत्रुओं से सामना करना चाहिए। लेकिन वार गुप्त तरीकों से करो। संत ने राजा को तीन शस्त्रों को बताए। पहला यशाशक्ति प्रजा को रोजगार उपलब्ध कराओ। ऐसा करने पर उन्हें को फर्क नहीं पढ़ेगा कि उनके यहां कौन राज कर रहा है।
दूसरा शस्त्र है सहना करना यानी सहिष्णुता। जो सहन नहीं कर सकता वो राज नहीं चला सकता। तीसरा शस्त्र है सम्मान देना। जिसको जितना सम्मान देना चाहिए। उतना ही सम्मान दो। ये मृदु शस्त्र हैं। यह शस्त्र ह्दय पर अधिक प्रभाव डालते हैं।
यदि आप इन शस्त्रों से विरोधियों से जीत लेंगे तो, जो तुम्हें पीछे से वार करते हैं वो तुम्हारे वश में हो जाएंगे।
Hindi to English
There was a king But in his state the internal enemies used to poke. In this case, he considered himself unsafe. The matter is of those days when a saint came in the kingdom of that king. The King went to meet those saints.
The saint heard the king’s whole thing and said you should also face your hidden enemies. But do the wise in secret ways. The saint told the king three weapons. Make available employment to the first people. Doing so will not distinguish them from who is ruling them here.
The second weapon is to bear, ie tolerance. The one who can not bear can not rule. The third weapon is respect. The one who should respect it. Give equal respect These are soft weapons. This weapon has more impact on the heart.
If you win these opponents with opponents, those who fight you behind will be in your control.