छगन मगन मेरे लाल को,आजा रे निंदिया आ,
चंचल मन घनश्याम के,नैनन बीच समा,
आजा री निंदिया आजा,आजा री निंदिया आ।।
जप तप पूजा पाठ सो,विधिना दिया मोहे लाल,
सो जा कन्हैया लाड़ले,मैया बजावे ताल,
कैसे सुलाऊँ लाल को,धीरे धीरे लोरी गा,
छगन मगन मेरें लाल को,आजा रे निंदिया आ।।
सोवे कन्हैया पालनो,बांकि है छवि अभिराम,
आंगन की शोभा है मेरो,मनमोहन घनश्याम,
आजा रे नींदिया लाल को,मैया रही तुझको बुला,
छगन मगन मेरें लाल को,आजा रे निंदिया आ।।
छगन मगन मेरे लाल को,
आजा रे निंदिया आ,
चंचल मन घनश्याम के,नैनन बीच समा,
आजा री निंदिया आजा,आजा री निंदिया आ।।