Breaking News

लड्डू_गोपाल_की_कृपा

लड्डू_गोपाल_की_कृपा

मंगू एक माली था, शहर में एक बड़ी सी कॉलोनी में जिसमें बहुत सारी बड़ी-बड़ी कोठिया बनी हुई थी, वह वहां जाता और वहां की 5-7 कोठियों के बगीचे की खूब रखवाली करता। . जिस जिस के घर में भी वो काम करता सब घरवाले मंगू से बहुत खुश रहते थे। . कीमती लाल नाम का एक सेठ था। मंगु उसके घर में भी माली का काम करता था। . मंगू जब भी कीमती लाल के घर के बगीचे में पौधों को पानी देता, मिट्टी खोदता तो एक ऐसी जगह होती जिस मे से उसको एक कोने में से मिट्टी के नीचे से थोड़ी थोड़ी आहट की आवाज आती। . जैसे कि कोई मिट्टी को नीचे से खटखटा रहा हो, और बाहर निकलने की कोशिश कर रहा हो। . मंगू ने कई बार वह आवाज सुनी थी लेकिन उसने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। उसने सोचा कि शायद कोई जानवर होगा। . लेकिन हर बार जब भी वह उस जगह जाता तो उसको आवाज जरूर आती। . एक दिन मंगू ने हिम्मत करके उस जगह को खोदा तो खोदते खोदते हैरान हो गया, उसमें से एक बहुत ही सुंदर से लड्डू गोपाल निकले। . मंगू ने लड्डू गोपाल को बाहर निकाला। लड्डू गोपाल का शरीर गर्म था और वह मिट्टी से लथपथ थे। . और मंगू को लगा कि शायद लड्डू गोपाल की सांस भी चल रही है। . यह देकर एकदम से हैरान हो गया। वह भागा भागा लड्डू गोपाल को लेकर घर के अंदर गया और कीमती लाल की पत्नी को जाकर बोला.. . सेठानी जी यह देखो आपके बगीचे में से यह मुझे लड्डू गोपाल जी मिले हैं। . लड्डू गोपाल को देखकर कीमती लाल की पत्नी का रंग एकदम से पीला पड गया वह बोली तुम इसको क्यों निकाल कर लाए हो। . तो मंगु बोला कि वहां से मुझे रोज आवाज आती थी, आज मिट्टी को खोदा तो उसमें से यह निकले… . मालकिन चीखती हुई बोली बड़ी मुश्किल से मैंने इससे पीछा छुड़वाया था। . कीमती लाल के दो बेटे थे कीमती लाल की पत्नी अपने बेटों को बहुत ही प्यार करती थी उनको सुबह उठकर तैयार करती, नहलाती, स्कूल भेजती घर आते तो खाना खिलाती… . शाम को पढ़ाती रात को भी खाना खिलाकर लोरी सुना कर सुलाती। . कीमती लाल के घर एक लड्डू गोपाल जी भी थे जिसको कीमती लाल की माता जी बहुत ही मानती थी। . माता जी के स्वर्गवास होने के बाद कीमती लाल ने अपने मंदिर में उस लड्डू गोपाल को बड़ी श्रद्धा से रखा हुआ था। . कीमती लाल भी लड्डू गोपाल जी को बहुत ही मानता था। . लेकिन सेठानी जो थी उसको लड्डू गोपाल की सेवा करना बड़ी मुश्किल लगता था… . कि सुबह उठकर इन को स्नान करवाऊ तो मेरे बेटे को कोन नहलाएगा, बाद में इन को भोग लगाऊ तो मेरे बेटे को खाना कौन खिलाएगा… . रात को मैं इनको सुलाऊ तो मेरे बेटे को लोरी गाकर कोन सुलाएगा। बेटो के प्यार में वह अंधी हो चुकी थी। उसको यही बात बुरी लगती थी। . इसी कारण उसने एक दिन निश्चय किया और घर के बगीचे में जाकर लड्डू गोपाल जी को दबा दिया और कीमती लाल को बोल दिया कि लड्डू गोपाल जी चोरी हो गए हैं। . लड्डू गोपाल के चोरी होने पर कीमती लाल बहुत दुखी हुआ। लेकिन वह कर भी क्या सकता था। . आज जब गोपाल जी को लेकर मंगु सेठानी के पास आ गया तो सेठानी चिढ़ गई और उसको बोली कि तुम इसको क्यों निकाल कर लाए हो। . मंगू ने कहा कि अब मैं इसका क्या करूं.. . मालकिन ने कहा तुम लड्डू गोपाल जी को अपने पास रखो और दफा हो जाओ मेरे घर से आगे से यहां मत आना.. . क्योंकि सेठानी को डर था कि अगर यह सच कीमती लाल को मंगु ने बता दिया तो कीमती लाल उस पर बहुत गुस्सा करेगा और कीमती लाल की बीवी ने मंगु को नौकरी से निकाल दिया… . अपने आसपास रहने वाले घर के लोगों को ही कह दिया की मंगू चोर है मैंने उस को अपने घर से नौकरी से निकाल दिया है… . तुम लोग भी निकाल दो… तो सब लोगों ने कीमतीलाल की पत्नी की बात पर विश्वास कर लिया और मंगु को नौकरी से निकाल दिया। . मंगू इस बात से हैरान था कि मैंने क्या किया जो आज मुझे यह देख दिन देखना पड़ा.. . वह कपड़े में लड्डू गोपाल जी को लपेट कर अपने घर गया.. . वह रोता हुआ अपनी पत्नी को इशारों में बताता है कि यह लड्डू गोपाल जो मुझे सेठानी की घर से मिले.. लेकिन इसके मिलते ही मेरी सारी नौकरी छूट गई अब मैं इसका क्या करूं। । मंगु की पत्नी रुपाली ने बड़े प्यार से लड्डू गोपाल को पकड़ा उसके शरीर पर लगी मिट्टी और जो भी लगा हुआ था उसको झाड़ कर एक कपड़े में बांध कर रख दिया.. . ठाकुर जी को स्नान करा कर घर के कोने में बड़ी श्रद्धा से नीचे कपड़ा बिछा कर रख दिया। . मंगू जोकि बहुत उदास था उसको तो लग रहा था कि अब घर का गुजारा कैसे होगा.. . फिर उसने मन में सोचा कि लड्डू गोपाल के मिलते ही मेरी नौकरी चली गई। यह सब लड्डू गोपाल के कारण हुआ है… . लेकिन रुपाली ने उसको इशारों से समझाया कि लड्डू गोपाल जी भगवान है यह सब देख लेंगे जो होता है अच्छे के लिए होता है। . उसकी पत्नी ने कहा कि जो लड्डू गोपाल के शरीर से मिट्टी उतरी है इसको कहां रखु.. . मंगू उस समय जो झल्लाया हुआ था वह बोला अपने घर के बाहर जो आंगन में मिट्टी है वहां फैंक दो। . रूपाली ने वैसा ही किया। मंगु को चिंता के कारण नींद ना आई कि घर का गुजारा कैसे होगा लेकिन उसकी पत्नी तो बिल्कुल आराम से सोई थी… . ठाकुर जी को देखकर एक अजीब सा चैन मिला था और अजीब सी खुशी हुई थी और इसी आनन्द में वह सारी रात बड़ी सुकून से सोई। . सुबह जब मंगु उठा तो उसने देखा कि आंगन में जिस जगह पर ठाकुर जी के शरीर से मिट्टी उतार कर पत्नी ने फेंकी थी.. . उस जगह पर बहुत ही सुंदर फूल खिल गए हैं और उन फूलों की खुशबू सारे मोहल्ले में फैल गई। . सारे लोग सोचने लगे कि आज मोहल्ले में कैसी खुशबू आ रही हैं.. सब लोग देखने आए तो मंगु के आंगन में बहुत ही सुंदर फूल खिले हुए थे.. . तभी उधर से एक व्यक्ति गुजरा और उसने मंगु को कहा तूने अपने आंगन में इतने सुन्दर फूल खिला लिए हैं यह तो बहुत कीमती है… बाजार में तो इसकी बहुत कमाई होगी। . यह सुनकर मंगु हैरान हो गया वह हाथ जोड़ता हुआ ठाकुर जी के आगे गया और कहा कि मुझे क्षमा कर दो जो मैंने आप पर शंका की 💫✨💥♾आपको सब का ख्याल है तो उसकी पत्नी मन्द मन्द मुस्कुराने लगी कि मंगु को भी अब ठाकुर जी पर विश्वास होने लगा है। . मंगू ने वो फूलों को उतार कर पहले कुछ फूलों को गोपाल जी के चरणों मे रखा.. बाकि फूल बाजार में बेचे उसको बहुत ही अच्छे दाम मिले.. . अब तो वह फूल हर रोज मंगु के आंगन में खिलने लगे और फूलों को बेचकर मंगु माली से मालिक बन गया। . मंगू और उसकी पत्नी ने यह निश्चय किया था कि कीमती लाल की बीवी ने अपने बच्चों की परवरिश के कारण लड्डू गोपाल जी को मिट्टी में दबा दिया था… . आज से लड्डू गोपाल जी ही हमारी संतान है ताकि हम भी अपनी संतान के कारण कहीं लड्डू गोपाल जी की तरफ हमारा झुकाव कम ना हो जाए। . अब मंगु एक बहुत ही बड़ा फूलों का व्यापारी बन चुका था। उसने बहुत बड़ा आलीशान मकान ले लिया था। . एक दिन मंगू जब घर पर नहीं था और रूपाली घर पर अकेली थी… . तभी एक औरत बहुत बुरी अवस्था में जिसका शरीर बुढ़ापे के कारण बहुत कमजोर हो चुका था और उसको आंखों से भी नजर नहीं आ रहा था.. . तभी वह रूपाली के दरवाजे पर आकर भूख के कारण जिससे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था वह बेहोश होकर गिर गई। . रुपाली ने उसको जल्दी-जल्दी उठाया और अंदर ले गई.. . जब वह उठी तो उसने उस को भोजन कराया और इशारों से पूछा कि आप कौन हो… . लेकिन बहुत कमजोर होने के कारण वह कुछ ना बता सकी। . जब मंगू घर पर वापस आया तो उसने उस बूढ़ी औरत को देखा तो उसको पहचानने की कोशिश करने लगा। . तभी उसको ध्यान आया यह तो वही कीमती लाल की पत्नी है.. . उसने पूछा कि माता जी आपका यह हाल कैसा हो गया, तो कीमती लाल की पत्नी बोली तुम कौन हो। . मंगु ने बताया कि मैं वही आपका माली मंगु हूँ जिस पर आप ने चोरी का इल्जाम लगाकर सारे मोहल्ले से नौकरी से निकलवा दिया था। . लेकिन आपके मुझ पर बहुत उपकार हैं। आपकी दिए हुए लड्डू गोपाल के कारण ही आज मैं माली से मालिक बन गया हूँ। . कीमती लाल की पत्नी यह सुनकर फफक फफक कर रोने लगी और मंगू के पैरों में गिरती हुई बोली मुझे लड्डू गोपाल के पास ले चलो। . संतान के कारण मैंने लड्डू गोपाल जी को जमीन मे गाड़ दिया था आज वही संतान ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया है। . मेरे पति की मौत के बाद ही मेरे बच्चों ने मुझे आंखे दिखानी शुरू कर दी। . मेरा सब कुछ छीन कर अपनी पत्नीयों के कहने पर मुझे घर से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया। . शायद यह मेरे बुरे कर्मों का ही फल है जो मुझे मुझे सजा मिली है.. वह लड्डू गोपाल के चरणों गिरकर जोर जोर से रोने लगी कि मुझे क्षमा कर दो लड्डू गोपाल जी। . ठाकुर जी तो बहुत ही दयावान और कृपालु है। . मंगू ने उस माताजी को उठाया और कहा आपको और कहीं जाने की जरूरत नहीं है.. . यह लड्डू गोपाल आपके बेटे की तरह ही है आज से आप यहां रहो.. . *इसी तरह लड्डू गोपाल जिस पर कृपा करते हैं उसको मालामाल कर देते हैं और पाप करने वालों को भी वो हमेशा क्षमा कर देते हैं। बोलो लड्डू गोपाल जी की जय हो। 🙏🏽

🔶🔶🔶राधे राधे 🔶🔶🔶

English Translation

Laddoo_gopal_ki_kripa
Mangu was a gardener, in a large colony in the city, which had many big rooms, he would go there and take care of the garden of 5-7 cells there. . In whose house he used to work, all the family members were very happy with Mangu. . There was a Seth named Precious Lal. Mangu used to work as a gardener in his house also. . Whenever Mangu watered the plants in the garden of Precious Lal’s house, dug up the soil, there would have been such a place from which he could hear a little noise from under the soil from one corner. . As if someone was knocking the soil from the bottom, and trying to get out. . Mangu had heard that voice many times but he did not pay attention to it. He thought that maybe some animal would be there. . But every time he went to that place, he would definitely hear a voice. . One day when Mangu courageously dug that place, he was surprised while digging, a very beautiful Laddu Gopal came out of it. . Mangu took out Laddu Gopal. Laddu Gopal’s body was hot and he was covered in mud. . And Mangu felt that maybe Laddu Gopal was breathing too. . Was surprised to give this. He ran and went inside the house with Laddu Gopal and went to Precious Lal’s wife and said… Sethani ji look at this, I have got this Laddu Gopal ji from your garden. . Seeing Laddu Gopal, the color of Precious Lal’s wife turned yellow suddenly, she said, why have you brought it out. . So Mangu said that from there I used to get voice every day, today if I dig the soil, it will come out of it…. The mistress screamed and said with great difficulty I got rid of it. . Precious Lal had two sons, Precious Lal’s wife loved her sons very much, getting them up in the morning, preparing them, bathing, sending them home to school and feeding them. She used to teach in the evening and sleep after listening to lullabies after feeding her. . There was also a Laddu Gopal ji in Precious Lal’s house, whom Precious Lal’s mother respected very much. . After the death of Mother, Precious Lal had kept that Laddu Gopal in his temple with great reverence. . Precious Lal also respected Laddu Gopal ji very much. . But the one who was Sethani found it very difficult to serve Laddu Gopal. If I wake up in the morning and bathe them, then who will bathe my son, later if I offer them food, then who will feed my son…. If I put them to sleep at night, who will make my son sleep by singing a lullaby? She had become blind in the love of Beto. That was what he felt bad about. . That is why he decided one day and went to the garden of the house and suppressed Laddu Gopal ji and told Precious Lal that Laddu Gopal ji had been stolen. . Precious Lal was very sad when Laddu Gopal was stolen. But what could he have done. . Today, when Mangu came to Sethani with Gopal ji, Sethani got irritated and asked him why you have brought him out. . Mangu said what should I do now. The mistress said, keep Laddu Gopal ji with you and get lost, don’t come here from my house. Because Sethani was afraid that if Mangu told this truth to Precious Lal then Precious Lal would get very angry on him and Precious Lal’s wife fired Mangu from her job…. Told the people of the house living around me that Mangu is a thief, I have fired him from my job. You guys also fired… So everyone believed the words of Preciouslal’s wife and fired Mangu from the job. . Mangu was astonished as to what I did which I had to see the day after seeing this… He wrapped Laddu Gopal ji in a cloth and went to his house. He cries and tells his wife in gestures that this Laddu Gopal which I got from Sethani’s house.. But after getting it, I lost all my job, now what should I do with it. . Mangu’s wife Rupali lovingly caught Laddu Gopal, the soil on his body and whatever was attached, swept it away and tied it in a cloth. After bathing Thakur ji, he laid a cloth down in the corner of the house with great reverence. . Mangu, who was very sad, was feeling that now how will the house survive. Then he thought in his mind that I lost my job as soon as I met Laddu Gopal. All this happened because of Laddu Gopal. But Rupali explained to him with gestures that Laddu Gopal ji is God, he will see all that happens, it happens for good. . His wife said that where should I keep the soil which has come off from the body of Laddu Gopal. Mangu, who was furious at that time, said, throw the soil in the courtyard outside your house. . Rupali did the same. Mangu could not sleep due to worry about how the house would survive but his wife slept very comfortably. Seeing Thakur ji, there was a strange peace and there was a strange happiness and in this joy she slept very peacefully all night. . When Mangu woke up in the morning, he saw that the place in the courtyard where the wife had thrown the soil from Thakur ji’s body. Very beautiful flowers have blossomed at that place and the fragrance of those flowers spread throughout the locality. . Everyone started thinking that what is the smell of the locality today.. When everyone came to see, very beautiful flowers were blooming in the courtyard of Mangu. Then a person passed by and he said to Mangu that you have fed so many beautiful flowers in your courtyard, it is very precious… it will earn a lot in the market. . Mangu was surprised to hear this, he went in front of Thakur ji with folded hands and said that I am sorry that I doubted you that you care about everyone, then his wife started smiling softly that Mangu should now have faith in Thakur ji. Is thought. . Mangu took off those flowers and placed the first few flowers at the feet of Gopal ji.. sold the rest in the market, he got a very good price.. Now those flowers started blooming every day in Mangu’s courtyard and by selling flowers Mangu became owner from gardener. . Mangu and his wife had decided that Precious Lal’s wife had buried Laddu Gopal ji in the soil because of the upbringing of their children. From today only Laddu Gopal ji is our child so that because of our children, our inclination towards Laddu Gopal ji does not diminish. . Now Mangu had become a very big flower merchant. He had taken a very luxurious house. . One day when Mangu was not at home and Rupali was alone at home…. Then there was a woman in a very bad condition whose body had become very weak due to old age and she could not even see with her eyes. Then he came to Rupali’s door, due to hunger from which he could not stand up, she fell unconscious. . Rupali quickly picked him up and took him inside. When she got up, she gave him food and asked with gestures that who are you…. But being very weak, she could not tell anything. . When Mangu came back to the house, he saw the old woman and started trying to identify her. . That’s when he noticed that she is the wife of the same precious Lal. He asked that Mother, how did you become like this, then Precious Lal’s wife said who are you. . Mangu told that I am the same gardener Mangu on whom you had got fired from the job from the whole locality by accusing you of theft. . But you owe me a lot. Today I have become a master from a gardener because of the laddu Gopal given by you. . Precious Lal’s wife started weeping after hearing this and falling at Mangu’s feet said, take me to Laddu Gopal. . Because of the child, I had buried Laddu Gopal ji in the ground, today the same child has thrown me out of the house. . It was only after my husband’s death that my children started looking at me. . After snatching everything from me, at the behest of my wives, I was thrown out of the house by thrashing me. . Maybe it is the result of my bad deeds that I have been punished.. She fell at the feet of Laddu Gopal and started crying loudly that forgive me Laddu Gopal ji. . Thakur ji is very kind and merciful. . Mangu picked up that mother and said you don’t need to go anywhere else… This laddu gopal is like your son, you stay here from today.. Similarly, Laddu Gopal makes those whom he favors, and he always forgives those who commit sins. Say laddu gopal ji ki jai ho.
Radhe Radhe

Check Also

malik-naukar

जीवन को खुशी से भरने की कहानी

रामशरण ने कहा-" सर! जब मैं गांव से यहां नौकरी करने शहर आया तो पिताजी ने कहा कि बेटा भगवान जिस हाल में रखे उसमें खुश रहना। तुम्हें तुम्हारे कर्म अनुरूप ही मिलता रहेगा। उस पर भरोसा रखना। इसलिए सर जो मिलता है मैं उसी में खुश रहता हूं