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श्याम मेरी अब तो पकड़ो कलाई

श्याम मेरी अब तो पकड़ो कलाई,
हूँ अकेला यहाँ नहीं कोई मेरा,
मेरी बांके चलो परछाई,
श्याम मेरी अब तो ………….

इस दुनिया में एक तू ही मेरा,
दूजा ना कोई सहारा है,
मन में विश्वास जगा कर के,
मैंने तुझको आज पुकारा है,
मेरी सुनके पुकार तू आजा एक बार,
अब तो कर लो सुनवाई,
श्याम मेरी अब तो …………….

आकर के देखो हाल मेरा,
इस जग ने क्या कर डाला है,
जसिको अपना समझा मैंने,
उसने ही छीना निवाला है,
रोटी छीनी कपडा छीना,
और छीन ली मेरी कमाई,
श्याम मेरी अब तो …………..

मैं तो दुनिया से हारा गया,
अब तुझको ही जितवाना है,
खोया सम्मान जो विक्की का,
हर हाल में उसे दिलाना है,
जो भी आया शरण हार कर के तेरी,
तूने उसकी बिगड़ी बनाई,
श्याम मेरी अब तो ……….

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