नजर तो करो हम पे दया की मुरारी,
या कह दो हमें जानते ही नहीं हो
ये रिश्ता पुराना है हमारा तुम्हारा,
या अपना हमें मानते ही नहीं हो
नज़र तो करो हम पर……
हक़ीक़त हमारी छुपी तो नहीं है,
तो फिर क्यों नजर तुम फिराए हुए हो।
खता क्या हमारी पता ही नहीं है,
यूँ चुपचाप फिर क्यों सजा दे रहे हो,
नज़र तो करो हम पर…….
तुम्ही से कहा था तुम्ही से कहा है,
है जब तक ये साँसे तुम्ही से कहेंगे,
तू आंसू से पिघले तो ये ही सही है,
तेरे आगे बाबा ये आँसू बहेंगे,
नज़र तो करो हम पर…..
कभी श्याम आके गले से लगा के,
जरा मुस्करा सर हाथ फिरा के,
दया की नजरे सदा ही भाव परखें,
ये समझाया गोलू को पास बैठा के,
नज़र तो करो हम पर………………..