ओ रे जगदीश तू है कहाँ मुश्किलों में है तेरा जहां
हर तरफ आफतों का पता राहतों का ठिकाना बता
ओ रे मुरलीवाले तेरे हैं हम सारे
तुम ही हो रखवाले|
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
तुम्ही ना सुने तो फिर कौन सुने
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन
तुमरे बिना संकट कौन हारे|
ऐसे हालातों से हम कैसे लड़ें
ये समय चल रहा पर हम वहीँ हैं खड़े
साड़ी नाकाम सी लग रही कोशिशें
अब भला हम करें तो फिर बता क्या करें
आस बस तेरी लिए जी रहे हैं
तेरी ही कृपा की हमें आस रे
तू जीवन दाता तू ही विधाता
उम्मीदें भला फिर किस से करें
ओ पालनहारे……………
फिर से ये ब्रज तेरा संकट से घिरा
हे यशोदा के प्यारे दुलारे सुनो
क्यों भला हारती ये धरा भारती
तेरी गीता तुझे फिर पुकारे सुनो
ग्वाल बाल तेरे हुए है हैं अधीरे
तुझसे ही अर्ज़ी गुज़ारिश सुनो
आओ नन्द लाला गोलू के गोपाला
देखे तेरे राहें हम खड़े खड़े
ओ पालनहारे…………….