मत ढूंढ सहारो काऊ को
चिंता तज माला झोली की|
वृषभानु नंदनी सहज सुलभ
जय जय राधे रस भोरी की
मत ढूंढ सहारो काऊ को
चिंता तज माला झोली की
करुणामयी दीन पुकार सुने
रक्षक है जीवन डोरी की
मत ढूंढ सहारो काऊ को
चिंता तज माला झोली की|
खुद बाह पकड़ के श्याम चले
जिनपे हो कृपा किशोरी की
मत ढूंढ सहारो काऊ को
चिंता तज माला झोली की|
जब याद कान्हा तेरी आई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके………..
याद आता है तेरा माखन चुराना
वो गोपियों को पनघट बुलाना
कैसे सही कान्हा तेरी जुदाई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके………..
मेरे साजन मेरे माही
काहे सताए आजा कन्हाई
काहे जग में है मुझे बिसराई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके………..
करके भरोसा तेरा जग में है आया
देख रूप मेरा मन भरमाया
ओस मोड़ की मनोज कृष्ण की आँख भर आई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके………..