छोड़ो लंगर मोरी बैया गहों ना
बैंया गहो ना मोसे बतिया करो ना…..
मैं तो नारी पराए घर की २
मेरे भरोसे गोपाल रहो ना २
छोड़ो लंगर मोरी बैंया गहो ना….
वृंदावन की कुंजगलिन में 2
रीति छोड़ अनरीति करो ना2
छोड़ो लंगर मोरी बैंया गहो ना…..
मीरा के प्रभु गिरधर नागर २
चरण कमल चित दूर करो ना
छोड़ो लंगर मोरी बैंया गहो ना……
आजा रे मेरे सांवरे सांवरे सलोने गिरधारी
मथुरा ढूंडा वृंदा ढूंडा दूँडी वो कुल यारी
आजा रे मेरे सांवरे सांवरे सलोने गिरधारी…….
तुझ बिन सुनी ब्रिज की गलिय फीकी फीकी
सब रंग रलिया हे ब्रिज वासी तेरी दाती ढूंड ढूंड खत हारी,
आजा रे मेरे सांवरे सांवरे सलोने गिरधारी……
दर्श को अखिया तरस रही है सावन बादो बरस रही है,
हे गिरधारी कृष्ण मुरारी सुन लो अर्ज हमारी,
आजा रे मेरे सांवरे सांवरे सलोने गिरधारी…….
श्याम तिहारी दासी हु मैं फिर भी देखो उदासी हु मैं
देवकी नंदन तुम हो चन्दन मैं पत झड़ की डारी
आजा रे मेरे सांवरे सांवरे सलोने गिरधारी…….