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होली खेलने आयो श्याम आज जाए रंग में बोरो री

होली खेलन आयो श्याम
आज याहि रंग में बोरो री……

कोरे-कोरे कलश मँगाओ,
रंग केसर को घोरो री,
मुख ते केशर मलो,
करो याहि कारे से गोरो री,
रंग-बिरंगो करो आज,
याहि कारे से गोरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहि रंग में बोरो री……

पार पड़ौसिन बोलि,
याहि आँगन में घेरो री,
पीताम्बर लेउ छीन,
याहि पहराय देउ लहँगो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहि रंग में बोरो री……..

हरे बाँस की बाँसुरिया,
याहि तोड़-मरोड़ी री ,
तारी दे दे याहि नचावो,
अपनी ओरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहि रंग में बोरो री……

चन्द्रसखी की यही विनती,
करे निहोरो री ,
हा हा खाय पड़े जब,
पैया तब याहि छोरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहि रंग में बोरो री………

होली खेलन आयो श्याम
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहि रंग में बोरो री……………….

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