मुझको सम्भालो ना कन्हैया मुझको सम्भालों ना
के जन्मों से प्यासा हूँ मैं मुझको अपना लो ना,
तुझको ही पूजूँ तुझको ही चाहूँ,
तुझसा ना कोई कहाँ और जाऊँ,
जी चाहता दर पे जीवन बिताऊँ,
सेवा में लगा लो ना कन्हैया,
के जन्मों से प्यासा हूँ मैं………
दर्शन दे दो ओ श्याम प्यारे,
शरण तुम्हारी हारे के सहारे,
तुझ बिन कौन भव से पार उतारे,
दुखो से उबारो ना कन्हैया,
के जन्मों से प्यासा हूँ मैं…….
हमको अकेला ना छोड़ो
बड़ी आस लाया यूँ मुँह ना मोड़ो,
प्रेम के तारों को ऐसे ना तोड़ो,
रिश्ता निभा लो ना कन्हैया,
के जन्मों से प्यासा हूँ मैं……..