दिखला दो सूरत प्यारी बरसाने वारी,
राह तके है तेरी कुञ्ज बिहारी
पुष्प लताओं से पता पूछता है
कोई तो बता दो किस को पता है ,
वन वन भटके कृष्ण मुरारी
कैसे बुलाऊ राधा याद तुम्हारे
दिखला दो सूरत प्यारी बरसाने वारी
कैसे जीए राधे तुम बिन कन्हियाँ
सुना है वृंदावन सुनी नगरियाँ ,
तुम को पुकारे है रास बिहारी
राह निराहे राधे तेरा गिरधारी
दिखला दो सूरत प्यारी बरसाने वारी
सुध बुध है बुला कृष्ण कन्हाई
जब से तुम संग प्रीत लगाई,
हे करुना मई तुमसे अर्ज गुजारी
दर्श दिखा दो नगर विनती हमारी
दिखला दो सूरत प्यारी बरसाने वारी………….