एक तू ही मेरा श्याम बिहारी के तेरे सिवा कोई और कोई न
एक तू ही मेरा मोहन मुरारी के तेरे सिवा कोई और कोई न
सूरज चाँद सितारे तुमसे भागो में है बहारे तुम से,
हर और हरियाली के तेरे सिवा कोई और कोई न
एक तू ही मेरा श्याम बिहारी के तेरे सिवा कोई और कोई न
फसी भवर मी जीवन नैया आकर पार लगा दे कन्हियाँ
तेरे हाथ पतवार हमारी के तेरे सिवा कोई और कोई न
एक तू ही मेरा श्याम बिहारी के तेरे सिवा कोई और कोई न
सांसो का चलना भी तुम्ही सी जीवन का ढलना भी तुम्ही से
नस नस में बहे तू बिहारी के तेरे सिवा कोई और कोई न
एक तू ही मेरा श्याम बिहारी के तेरे सिवा कोई और कोई न
अमर आकाश की लाज तुम्ही से
मन की हर इक बात तुम्ही से अब लाज रखो वनवारी
के तेरे सिवा कोई और कोई न
एक तू ही मेरा श्याम बिहारी के तेरे सिवा कोई और कोई न…………………….