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श्याम श्याम करती नै शाम होई रे
श्याम ना आयो रे मैं होई वानवरी श्याम
श्याम श्याम करती नै शाम होई रे
खड़ी रे मुंडेर मैं तो देखू थारी बात ऋ,
जेयो गबरायो रे वैरी ना आयो रे मैं होई वानवरी श्याम
श्याम श्याम करती नै शाम होई रे
तक तक नैन महारा होया परदेसी रे,
नीर भर आयो रे वैरी ना आयो रे
मैं होई वानवरी श्याम
श्याम श्याम करती नै शाम होई रे
तारा छाई रात राही ज्योत मैं जगाई रे,
फिर श्याम आयो रे मन भर आयो रे
मैं होई वानवरी श्याम श्याम करती नै शाम होई रे……….