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अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा


अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में

चांदी के भेवाण में बिराजे ठाकुर मुरली वालो सा
कोई मुरली मधुर बजावे जी मेला में
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा  जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में

सोना चांदी छड़ी येतो हाथा में ले चाले सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में

मण्डपिया वाला सेठ सांवरा गणो भरोसो भारी जी
कोई   बिगडिया काम सुधारे जी भक्ता का
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में

सरवरिया पे जावे सवारी ठंडो ठंडो पाणी सा।
ओ मारा गिरधर जल में  नावे सा मंडपिया में
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में…………….

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