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मदन मोहन प्यारो मदन मोहन


छीन लिया मेरा भोला सा मन
मदन मोहन प्यारो मदन मोहन
छीन लिया मेरा भोला सा मन

गोकुल का ग्वाला वो ब्रिज का वसैयाँ,
सखियों का मोहन माँ का कन्हियाँ
भगतो का जीवन निर्धन का धन
मदन मोहन प्यारो मदन मोहन

यमुना के जल में वही श्याम खेले,
लेहरो में उछले करत की गोले
बिछुडन कभी और कभी हो मिलन
मदन मोहन प्यारो मदन मोहन

जा कर के देखा वो मंदिर के अन्दर,
घट घट के अन्दर वही श्याम सुंदर ,
कुंडल हरन और तिर्शी चितवन
मदन मोहन प्यारो मदन मोहन

मन मेरा भोरा मोहन भिभोरा
उनके चरण चित लग गया मोरा
खिल गया मेरा उजड़ा चमन,
मदन मोहन प्यारो मदन मोहन……………

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