जमुना तट भयो निहाल
राधे संग नंदा लाल
राधे संग नंदा लाल
राधे संग नंदा लाल
मिलके रचाये रास
कन कन में है उल्हास
कन कन में है उल्हास
कन कन में है उल्हास
चहुदिश में है प्रकाश
दिव्यता भरी ऊझास
फैली है मंद मंद
फूलून की मधु सुहास
नटनागर संग आज
झूमे गोकुल समाज
गोपिन बलिहारी जाए
भूली सब लोक लाज
भूली सब लोक लाज
भूली सब लोक लाज
बासुरी…..
बांसुरी कृष्ण की बाजेगी
प्रेम में राधा नाचेगी
बांसुरी कृष्ण की बाजेगी
प्रेम में राधा नाचेगी
जमुना तट पे रास रचेगा
जमुना तट पे रास रचेगा
प्रीत बिराजेगी
प्रेम में राधा नाचेगी
बांसुरी कृष्ण की बाजेगी
प्रेम में राधा नाचेगी
आआआ…आआ…
कुंज भवन की शोभा न्यारी
राधा संग झूमे गिरधारी
कुंज भवन की शोभा न्यारी
राधा संग झूमे गिरधारी
गोकुल के रजगन सितारों से चमके
धरती पे स्वर्ग जैसे आया उतर के
धरा इस
अरे ….
धरा इस क्षण को साचेगी
प्रेम में राधा नाचेगी
बांसुरी कृष्ण की बाजेगी
प्रेम में राधा नाचेगी
राधा राधा राधा राधा
कृष्ण कृष्ण कृष्ण
राधा राधा राधा राधा
कृष्ण कृष्ण कृष्ण
राधा पूनम का चाँद
कान्हा सलोना श्याम……
छवि सुंदर दोनों की
दोनों है प्रेम धाम
दोनों है प्रेम धाम……
बेला मिलन की आयी
छाया है रास रंग
धरती संग अंबर में
छायी है नवतरंग
कन कन में राधा कृष्णा
राधा कृष्णा है समाये
जहां देखे नैन
वही दोनों की छवी पाए…….