कान्हा मुरली सुना दो प्यारी प्यारी रे,
तुझसे कहती ब्रिज की नारी रे,
धुन मुरली की मन को भाये
मुरली सुन बिन रहा न जाये ,
तेरी मुरली बड़ी ही जादूगारी रे,
तुझसे कहती ब्रिज की नारी रे,
मुरली की धुन मस्त बनाये सारे जग को नाच नचाये,
तेरी मुरली पे जाऊ वारी वारी रे
तुझसे कहती ब्रिज की नारी रे,
कान्हा मुरली मधुर भ्जाये मेरे दिल का चैन चुराए,
ले लेगी ये जान हमारी रे ,
तुझसे कहती ब्रिज की नारी रे,
श्याम छेड़ो कोई ऐसा तराना भीम सेन हो जाए दीवाना
सुन के झूमे ये दुनिया सारी रे
तुझसे कहती ब्रिज की नारी रे,,,,,,