तू छुपी कहा है मैया है कहा तेरा ठिकाना
दर दर भटक रहा है कब से तेरा दीवाना,
तू छुपी कहा है मैया
मैं जानता हु तू भी माँ मेरे बिन उदास होगी
तुझे ढूडता हु मैं तुझे भी मेरी तलाश होगी
कोई तोड़ न सकेगा रिश्ता है ये पुराना,
तू छुपी कहा है मैया
हर इक सांस दातिये कर दू तेरे हवाले
सारे जहा को छोड़ दू अपने जो तू बना ले
तुझको मिले पुजारी मुझको मिले ठिकाना,
तू छुपी कहा है मैया
प्यार पे जरा सा माँ लोकेश का भी हक है
कुछ और तुझसे माँ कभी माँगा न आक तक है
मेरे नाम लिखदे आपनी ममता का माँ खजाना
तू छुपी कहा है मैया……..