दिल की बात बता रहू तुझको ओ मेरे श्याम
इक झलक जो पा लू तेरी मुझको मिले आराम
तेरी महोबत को नया अंजाम देनी की तयारी है
कल तक मीरा तेरी दीवानी थी आज मेरी बारी है
रंग गई तेरे रंग में मैं तो होगी कान्हा तेरी
तूम भी अपना मान लो मुझको ये अरमान है मेरी
कह दूंगी मैं सब से की मेरे बांके बिहारी है
कल तक मीरा तेरी दीवानी थी आज मेरी बारी है
अब तो तेरे बिना कही न चैन आये मुझको
अपने दिल के ये जज्बात बता रही हु तुझको
लग गई मुझको भी कान्हा नाम की बीमारी है,
कल तक मीरा तेरी दीवानी थी आज मेरी बारी है…………..