सावरे से प्रीत मेरी हो गयी रे पिया
मैं तो होली खेलने जाउंगी
ललिता भी जाये विशाखा भी जाये
आडोसं भी जाये पडोशन जाये
मैं कैसे रह जाऊ रे पिया
मैं तो वृन्दावन जाउंगी
सावरे से………
पाँव में बांके के नूपुर बाजे
गल में मोतियन हार विराजे
कानो में कुण्डल छलके रे पिया
मैं तो दर्शन करने जाउंगी
सावरे से……….
मोर मुकुट वाके माथे पे सोहे
प्यारी बंसी मेरो मन मोहे
हाथो में मुरली धरे रे पिया
मैं तो रास रचाने जाउंगी
सावरे से……..