Breaking News

मेरे मन के आँगन में


मेरे मन के आँगन में,
एक बार चले आओ,
मेरे मन के आँगन में,
एक बार चले आओ,
इक बार चले आओ मोहन,
इक बार चले आओ मोहन,
इक बार चले आओ ना,
सौदा करना है दिल का,
दिलदार चले आओ,
मेरे मन के आँगन में,
एक बार चले आओ।

और किसे देदूँ दिल,
सब यहाँ फ़रेबी हैं….-2
गर तुम हो मेरे दिलबर,
तो यार चले आओ,
मेरे मन के आँगन में,
एक बार चले आओ।

तुमको मैंने मोहन अपना,
मालिक बनाया है….-2
चाकर समझो गर तो,
सरकार चले आओ,
मेरे मन के आँगन में,
एक बार चले आओ।

बेधड़क तुम्हारे बिना,
मेरा ना वज़ूद है….-2
तुम्ही हो जीवन का,
आधार चले आओ,
मेरे मन के आँगन में,
एक बार चले आओ,
इक बार चले आओ मोहन,
इक बार चले आओ मोहन,
इक बार चले आओ ना,
सौदा करना है दिल का,
दिलदार चले आओ,
मेरे मन के आँगन में,
एक बार चले आओ……

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....