मथुरा में जन्में, लल्ला हमारे,
गोकुल में नन्द बाबा,
कृष्णा को संभाले,
नेहा कहती है,
भादो महीने में,
कृष्णा का उत्सव,
भूल नहीं जाना रै।
बरसों से जैसे,
उत्सव मनाया है,
सखियों के साथ मिल,
झूलन सजाया है,
कैसा मेरा प्यार है,
लल्ला को किया,
हरे कृष्णा हरे रामा,
नाम हमेशा लिया है,
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे,
हरे रामा हरे रामा,
रामा रामा हरे हरे….
सुनों मेरे मोहन,
भगतों के भगवन,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाना रे,
नेहा की विनती,
भूल ना जाना रे,
दास पे अपने,
कृपा बरसाना रे,
कृष्णा का उत्सव,
भूल नहीं जाना रे,
कृष्णा को पालने में,
मिलकर झुलाना रे।
कृष्ण कन्हैया, दाऊ जी के भैया,
चरणों से मुझको अपने लगाना रे,
राधा रानी प्यारी, बृज की दुलारी,
प्लीज मुझे जल्दी से,
वृन्दावन बुलाना रे,
प्लीज मुझे जल्दी से,
वृन्दावन बुलाना रे,
कृष्णा का उत्सव,
भूल नहीं जाना रे…..