जिनके हिरदे में है सिया राम
उनके निकट वसे श्री हनुमान
सकल दुखो से देते निदान
रक्शा स्वयम करे श्री हनुमान
जिनके हिरदे में है सिया राम
भगत भभिशन के मन में श्री राम की ज्योति नित जलती थी,
श्री हनुमान के नैनो से वेह ज्योति किरन जा कर मिलती थी
देखा राम दूत हनुमान
जिनके हिरदे में है सिया राम
माता सीता लंका में नित राम नाम जप्ती रहती थी,
हनुमत जब मुद्रिका गिराए अच् रच से जे सिया कहती थी,
राम जपो मिलते हनुमान हनुमत से हो जग कल्याण,
जिनके हिरदये में है सिया राम,
पहुंचे अयोध्या जब हनुमान जी बोले भरत से आये राम,
भरत जी बोले अब हु अज्ञान राम से पहले जय हनुमान,
राम वही आकर के रहते भक्त यहाँ हनुमत के समान,
जिनके हिरदये में है सिया राम,,,,,,,,,,