ओ रे वनवारी तेरी बतियाँ न मानु
जानू मैं तो जानू तोहे छलियाँ मैं जानू
छोड़ दे डगर तेरी काली है नजर मेरे पीछे पीछे नही आना
ओ राधा राधा श्याम है तेरा दीवाना
तुम सब से यही बताते हो सारी सखियों से प्रेम जिताते हो
तुम धोखे बाज हो धोखे से आकर के वेर चुराते हो
मैं चाहे जो भी करता हु पर तुझपे ही राधे मरता हु
नाराज न मुझसे हो जाओ इस बात से ही मैं डरता हु
झूठे जज्बात तेरे झूठी हर बात तू है झूठ का पूरा खजाना
ओ राधा राधा श्याम है तेरा दीवाना
तेरी बातो में ना आउगी सीधे अपने घर जाउगी,
तू चाहे जितनी कोशिश कर तेरे संग न रास रचाऊगी
तू जो भी कहे कर जाऊँगा मैं चाँद जमीन पर लाऊंगा
पर ऐसे मुझे रूठी रही तो तेरी कसम मैं मर जाउंगी
मान गई कान्हा जान गई मैं फिर गलती न दोह राणा
ओ राधा राधा श्याम है तेरा दीवाना…………