क्यों भूल गए श्यामा
मुझे पागल समझ कर भूल गए
पागल समझ कर भूल गए श्याम पागल समझ कर
क्यों भूल गए श्यामा ………….
स्नान करौं लाड लड़ाऊं करून तेरा सिंगार
गेंदा जूही गुलाब और चंपा बेला की भरमार
क्यों भूल गए श्यामा ………….
भांति भांति का इतर लगाऊं केसर तिलक लगाऊं
झूम झूम कर गीत सुनाऊँ सुन्दर श्याम रिझाऊं
क्यों भूल गए श्यामा ………….
यमुना तट पर कृष्णा कन्हैया तूने धेनु चराई
गोवर्धन अंगुली पर धारो ब्रज की लाज बचाई
क्यों भूल गए श्यामा ………….
मुरली वाले तू मतवाला मैं भी हूँ मतवाला
आलू सिंह या अरज़ गुज़ारे खोल करम का ताला
क्यों भूल गए श्यामा ………..