माँ याद तेरी बड़ी सतौन्दी है,
किशोरी करुणामयी राधे,
माँ याद दिन रात रुलान्दी है,
किशोरी करुणामयी राधे,
बृज मण्डल दी महारानी,
ऊंचे महला दी रानी,
तेरी महिमा कैसे गाउ,
मैं मूर्ख और अज्ञानी,
गल गल कोई मेल न खांदी है,
किशोरी करुणामयी राधे,
मन बस गयी मोहनी मूरत,
दिखला दो सोहनी सूरत,
मैनु रोग प्रेम दा लगैया,
दर्शन दी बढ़ी जरूरत,
प्रीत प्रीत दी रीत न आंदि है,
किशोरी करुणामयी राधे,
मैनु आया रास ठिकाना ,
तेरा दर छड के नही जाना,
अपना ले दीन मधुप नु,
कर दे कर्म नजराना,
जुदाई जुदाई हुन सही न जांदी है,
किशोरी करुणामयी राधे………….