जब मेरे संवारे से नैना लड़े हाय मैं तो लुट गई खड़े खड़े
लुट गई मैं तो खड़े खड़े
जब मेरे संवारे से नैना लड़े हाय मैं तो लुट गई खड़े खड़े
मोहनी मूरत मन को मोहे
मोर पंख सिर उपर सोहे
उपर से उस में हीरे जडे हाय मैं तो लुट गई खड़े खड़े
हाथ में मुरली कमर में पटका
लगा देख दिल को है झटका
बाल काले घुंगराले जचते बड़े
हाय मैं तो लुट गई खड़े खड़े
बात हकीकत कहे अनाडी भूल गई मैं सुध बुध सारी,
मेरी अक्ल पे पत्थर पड़े हाय मैं तो लुट गई खड़े खड़े……….,
रोको जरा कन्हियाँ मेरी जान जा रही है,
कातिल नजर तुम्हारी खंजर चला रही है,
रोको जरा कन्हियाँ मेरी जान जा रही है,
बंसी भजा रहे हो पंक्षी फसा रहे हो,
बांकी अदा का फंदा कस्ते ही जा रहे हो,
मुश्कान तेरी जारु बिजली गिरा रही है,
रोको जरा कन्हियाँ मेरी जान जा रही है,
देखो हमारी हालत अब छोड़ दो शरारत,
हस हस कर कुटली करना अच्छी नहीं है आदत,
घ्याल खड़ा हु मैं ये दुनिया ताली भजा रही है ,
रोको जरा कन्हियाँ मेरी जान जा रही है,
टेडी नजर तुम्हारी तीखी बड़ी करारी,
ये लागि जिसने दिल पे जाने बने बिहारी
ये दर्द की दिल लजत हलचल मजा रही है,
रोको जरा कन्हियाँ मेरी जान जा रही है…………